डॉ.सुमिता सोफ्त अपने कठोर परिश्रम और अनुभव के लिए दुबई में नॉर्थ इंडिया के बैस्ट आईवीएफ सेंटर का अवार्ड मिला

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डॉ. सुमिता सोफ्त जो की लुधिअना में  डॉ.सुमिता सोफ्त अस्पताल ने स्थापित किया है उसको दुबई में आयोजित इंडो-अरब लीडर्स समिट के दौरान बैस्ट आईवीएफ सेंटर इन नार्थ इंडिया का अवार्ड दिया गया।

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डॉ. सुमिता सोफ्त ने इस समारोह में अपने विचार भी प्रस्तुत किए ताकि निःसंतान दंपत्ति सही समय पर अपना इलाज करवा सके | डॉ. सुमिता सोफ्त ने यह कहा की, “40% बांझपन के केसेस महिलाओं और  40% बांझपन के केसेस पुरुषों में देखे जाते हैं |

डॉ. सुमिता सोफ्त ने अपनी पहचान पुरे उत्तर भारत में आईवीएफ स्पेशलिस्ट में बना चुकी हैं | यह अवार्ड डॉक्टर को दुबई में एक समारोह के दौरान केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री रामदास अठावले  व शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान ने दिया | डॉक्टर ने यह भी कहा की यह सम्मान मिलना बहुत ही गर्व की बात है और इसे पाकर काम अपने काम को और भी लगन से करने की प्रेरणा मिलती है |

डॉ. सुमिता सोफ्त ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा की, ‘बांझपन की समस्या बहुत की गंभीर बन चुकी है जो की महिलाओं और पुरुषों में देखि जा सकती है | साथ ही साथ 10% प्रॉब्लम दोनों में होती है और 10% में बांझपन का कारण पता लगा पाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है |  यह स्थिति अलग-अलग कारण से हो सकती है | और ऐसा देखा गया है की महिलाओं में यह समस्या ट्यूब बंद होने की वजह से होती हैं, जो की एक बहुत ही अहम् कारण है | 

महिलाएं अधिकतर यह गलती करती हैं की ट्यूब बंद की समस्या को नज़रअंदाज़ करती हैं जिससे की समस्या और बढ़ जाती है और कंसीव करना मुश्किल हो जाता है | इस समस्या के चलते महिला की सबसे पहले ट्यूबें, अंडेदानी व बच्चेदानी चैक की जाती है, लेकिन ज्यादातर बार ट्यूबों ही बंद पाई जाती हैं।  नलों में टीबी, नलों में संक्रमण, और एंडोमटीरियोसिस के कारण फॉलोपियन ट्यूब बंद होने का खतरा रहता है। इस लिए यह ज़रूरी है महिलाओं नलों में दर्द को नजरअंदाज नहीं करें, और डॉक्टर की सलाह लें, वरना उनकी ट्यूबें बंद होने का खतरा रहता है।