जब एक स्त्री प्राकृतिक रूप से माँ बनती है तो जुड़वा बच्चे होने की समभावना केवल ६% होती है | परन्तु, अगर गर्भ्र IVF तकनीक के द्वारा धारण किया जा रहा हो , तो यह समभावना बढ़कर ४० से ५० % हो जाती है| इसका कारण है, पहली बार में बच्चा करने का प्रयास| कई जोड़े बार बार टेस्ट ट्यूब बेबी की कीमत को नहीं भर सकते, तो उनकी तरफ से डॉक्टरों को यह अपील होती है, की किसी भी तरह पहले ही प्रयास में सफलतापूर्वक गर्भ धारण किया जाये| उस समय IVF Centre in Punjab के डॉक्टर एक समय पर एक से अधिक तैयार किये गए भ्रूण स्त्री के गर्भ में स्थापित कर देते है| इससे न केवल गर्भ धारण की सम्भावना बढ़ती है अपितु जुड़वा बच्चे होने की समभावना भी बढ़ जाती है|
IVF प्रक्रिया किस तरह जुड़वा बच्चे करने में सहायता करती है?
सबसे पहले हम जानते है IVF होता क्या है? यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो उन जोड़ो को बच्चा करने में सहायता करती है जो पिछले एक साल या उससे भी अधिक से बच्चा प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे है | इस प्रक्रिया को कई भागों में बांटा गया है| सबसे पहले तो स्त्री को कुछ दवाइयों की सहायता से अच्छे अंडे बनाने में मदद दी जाती है| अंडे जैसे ही mature हो जाते है तो उन्हें शरीर से बाहर निकाल लिया जाता है| फिर मर्द को अपने वीर्य का sample देना होता है| उसमें से अच्छे शुक्राणुओं को धो कर अंडे के साथ मिलाया जाता है, और भ्रूण का निर्माण किया जाता है| इस भ्रूण को ४ से ५ दिनों के बाद स्त्री के गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है|
किन लक्षणों से पता लगता है की आप जुड़वा बच्चों की माँ बनने वाली हो?
निम्नलिखित लक्षणों से पता लगता है की आपको जुड़वा बच्चों की खुश खबरी मिलने वाली है:
- उच्च एचसीजी स्तर
ट्विन प्रेगनेंसी के समय आपका HCG स्तर बहुत बढ़ जाता है|
- पीरियड्स से पहले पॉजिटिव प्रेगनेंसी
यदि आपको पीरियड्स से पहले ही प्रेगनेंसी के रिजल्ट्स पॉजिटिव मिलते है, तो समझ जाइये ये जुड़वा बच्चे होने की निशानी है|
- वजन बढ़ना
यदि महिला का वजन बहुत ज़्यादा बढ़ने लग जाये, तो इससे जुड़वा बच्चे होने की आशंका पक्की हो जाती है|
- गर्भाशय की तीव्र वृद्धि
यदि पेट की लंबाई सामान्य वृद्धि से अधिक है, तो यह भी जुड़वा बच्चे होने का संकेत है।