ओवेरियन सिस्ट क्या है? यह कितने प्रकार की होती है? इसका उपचार किस प्रकार से किया जा सकता है?

जानिये ओवेरियन सिस्ट के बारे में!

अंडाशय जिन्हे अंग्रेजी में ओवरीज़ भी कहते है, प्रजनन तंत्र का वो महत्वपूर्ण भाग है, जहाँ प्रजनन प्रणाली का आरम्भ होता है| ये गर्भाशय के दोनों तरफ और पेट के नीचे के हिस्से में पाई जाती हैं|

क्या आप जानते है?

महिलाओं में दो अंडाशय होते है| यह अंडे के साथ साथ निम्नलिखित होर्मोनेस बनाने में भी मदद करते है:

  • एस्ट्रोजन (Estrogen)
  • प्रेजोस्टेरोन (Progesterone)

परन्तु यदि किसी कारण से यह गर्भाशय अंडे बनाने में असमर्थ है या फिर अंडे तो बन रहे है, परन्तु उनकी गुणवत्ता या विशेषताएँ अच्छी नहीं है, तो स्त्री को गर्भधारण करने में समस्या का सामना करना पड़ सकता है| पर घबराने की ज़रूरत नहीं है| Sofat Infertility And Women Care Centre – The Best

IVF Centre in Punjab के पास हर प्रकार की इनफर्टिलिटी से जुड़ी समस्या का हल है चाहे वो अंडे न बनना हो या फिर ओवरीज़ में गाँठ का पाया जाना हो|

किन लक्षणों से आप पता लगा सकते है की आपको ओवेरियन सिस्ट्स है?

  • भूख का गायब हो जाना|
  • पेट में दर्द होना (निचले हिस्से में)
  • पेट में हर वक़्त सूजन रहना
  • सम्बन्ध (सेक्स) बनाते वक़्त बहुत ज़्यादा दर्द होना (ऐसा दर्द जो आपने पहले कभी भी अनुभव न किया हो)|
  • पीरियड्स के समय असामान्य दर्द होना|

ओवरी सिस्ट कितने प्रकार की होती है?

ये सिस्ट्स तीन प्रकार की होती है:

  • फॉलिकल सिस्ट्स

महिलाओं के मासिक धर्म के दौरान, थैलीनुमा आकृति के अंडे बनते है, जिन्हे फॉलिकल्स के नाम से भी जाना जाता है| यह थैली महिलाओं के अंडाशय के अंदर पाई जाती है| सामान्य स्तिथि में यह थैली फट जाती है और अंडे बाहर निकल जाते है| परन्तु जब कभी यह थैली न फ़टे तो अंडाशय में मौजूद तरल पदार्थ गाँठ बन जाता है|

  • कॉपर्स ल्यूटियम सिस्ट

आमतौर पर ये फॉलिकल्स निकलने के बाद खुद नष्ट हो जाते है| इस कारण से इनमे तरल पदार्थ एकत्रित हो जाता है, जो की कार्पस ल्यूटियम सिस्ट की रूप में उजागर हो जाता है|

  • पॉलिसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम

कुछ महिलाओं में पोल्य्सिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम भी हो जाता है| इस कारण से अंडाशय के अंदरूनी भाग में छोटी छोटी गांठें बन जाती है, जिसके बढ़ने जाने मात्र से ही महिलाओं जैसी कई समस्याओं का सामना करना पद सकता ही

अंडाशय में गांठों का इलाज किस प्रकार से किया जाता है?

कृपया इसे नज़रअंदाज़ न करें

आपको इस भी समय लगे की आप सिस्ट्स बनने के लक्षणों से गुज़र रहे है, तो सिटी स्कैन या अल्ट्रासाउंड जरूर करवाएं, जिससे ये पता लगेगा की आपको ओवेरियन सिस्ट जैसी कोई बीमारी है या नहीं|

लप्रोस्कोपिक सर्जरी

यदि आपकी गाँठ का आकर काफी छोटा है, तो डॉक्टर्स नाभि के पास एक छोटा सा चीरा लगाकर उसे बहार निकलवाने का प्रयत्न किया जा सकता है|

लप्रोटॉमी सर्जरी

अगर आपकी सिस्ट का आकर बहुत बड़ा है, तो इस सर्जरी की सहायता से नाभि के पास एक बड़ा सा चीरा लगाकर इसे बहार निकाला जा सकता है|

क्या आप जानते है?

यदि किसी प्रकार की सिस्ट के कारण शरीर में कैंसर फैलने का खतरा है, तो लैपरोटोमी उस खतरे को दूर करने में सहायक साबित हो सकती है|