आईवीएफ का उपचार काफी बेहतरीन माना जाता है उनके लिए जो बांझपन की समस्या से काफी परेशान है। इसके इलावा ये उपचार संतान प्राप्ति का बेहतरीन विकल्प माना जाता है, इस उपचार को करवाने के लिए किन पड़ाव से होकर हमे गुजरना पड़ता है उसके बारे में हम बात करेंगे, और इस उपचार को करवाते वक़्त किन बातो का ध्यान रखना चाहिए इन बातो पर भी हम गौर करेंगे ;
आईवीएफ उपचार क्या है ?
आईवीएफ उपचार क्या के बारे में निम्न में बात करेंगे ;
- आईवीएफ उपचार संतान प्राप्ति का एक बेहतरीन विकल्प है, जो महिलाएं माँ नहीं बन सकती उनके लिए।
- तो वहीं आईवीएफ उपचार एक फर्टिलिटी उपचार है जिसमें अंडों को शुक्राणु के साथ अप्राकृतिक तरीके से मिलाया जाता है। यह प्रक्रिया मेडिकल लैब में नियंत्रित परिस्थितियों में की जाती है। यह प्रक्रिया इंफर्टिल दम्पति, और उन लोगों के लिए सहायक है जिनको कोई जननिक दिक़्क़त या परेशानी है।
आईवीएफ उपचार क्या है के बारे में जानने के लिए पंजाब में आईवीएफ सेंटर के करीब आए।
आईवीएफ उपचार से पहले किन बातो का ध्यान रखना चाहिए ?
आईवीएफ उपचार में निम्न बातो का रखे ध्यान ;
- फर्टिलिटी ट्रीटमेंट या आईवीएफ के सफल होने की दर महिला की उम्र पर निर्भर करती है।
- प्रोसेस के दौरान क्या होता है, इसका खास ध्यान रखे।
- ट्रैवल कब करना चाहिए।
- आहार में हरी सब्जियां अधिक खाएं, दुग्ध उत्पाद तथा फल जरूर लें।
यदि आप पंजाब में आईवीएफ उपचार को करवाने जा रहे है, तो इससे पहले उपरोक्त बातों का खास ध्यान रखें।
आईवीएफ उपचार में कितनी लागत लगती है ?
- आईवीएफ उपचार में लागत की बात करे तो 65,000 से 95,000 रुपए तक लागत आती है, जबकि अफोर्डेबल आईवीएफ तकनीक से प्रजनन की कीमत 40,000 रुपए तक होती है।
आईवीएफ उपचार में इंजेक्शन की क्या महत्ता है ?
- महिला के अंडाशय में सामान्य से अधिक अण्डे बनाने के लिए हार्मोन के इंजेक्शन लगाये जाते हैं। इस दौरान अंडे की क्वालिटी पर पूरी नज़र होती है।
- अच्छी क्वालिटी के अंडे बनने के बाद महिला को ट्रीगर का इंजेक्शन लगाया जाता है जिससे अंडा फूटकर बाहर आ सके। ट्रीगर इंजेक्शन के 36 घंटे के भीतर अण्डों को पतले इंजेक्शन के माध्यम से निकाला जाता है।
- आईवीएफ की इसी प्रक्रिया के तहत हर अण्डे में एक शुक्राणु इंजेक्ट किया जाता है जिससे भ्रूण बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। भ्रूण कैसे हैं, सही बने हैं या नहीं यह तीन दिन तक देखा जाता है। जो भ्रूण अच्छी क्वालिटी के हैं उसे ब्लास्टोसिस्ट कल्चर के तहत 5-6 दिन तक विकसित होने दिया जाता है
- फिर इस भूर्ण को महिला के गर्भ में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है इस प्रक्रिया में सफलता की संभावनाएं अधिक रहती हैं। ओवम पिक अप से लेकर भ्रूण प्रत्यारोपण की प्रक्रिया काफी अहम होती है क्योंकि आईवीएफ की सफलता इन्हीं बातों पर निर्भर है।
आईवीएफ उपचार के दौरान इंजेक्शन कितने दिन लगते है ?
आईवीएफ उपचार में इंजेक्शन लगने की अवधि 9 दिन तक चलती है।
सुझाव :
आईवीएफ उपचार के दौरान इंजेक्शन प्रक्रिया क्या है के बारे में अच्छे से जानने के लिए सोफैट इनफर्टिलिटी एंड वीमेन केयर सेंटर की ऑफिसियल वेबसाइट पर जरूर से विजिट करे।
निष्कर्ष :
ट्रीटमेंट कोई भी हो उसे करवाने से पहले उस ट्रीटमेंट के बारे में अच्छे से जानकारी एकत्र करें तभी उस ट्रीटमेंट को करवाने के बारे में आप सोचे। ठीक वही चीज आईवीएफ उपचार पर भी लागू होती है।