आजकल की ख़राब जीवनशैली के कारण महिलाओं को कई तरह की समस्याओं से गुजरना पड़ जाता है | जिसमें अंडाशय में सिस्ट बनना सबसे आम समस्या में से एक है, जो फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकता है | अंडाशय महिलाओं के प्रजनन प्रणाली का अभिन्न अंग होते है | यह प्रणाली न केवल गर्भाधान संभावनाओं का समर्थन करते है, बल्कि अंडाशय रक्त प्रवाह में हार्मोनल विनियमन प्रवाह में भी सहायता करते है | अंडाशय में सिस्ट एक प्रकार की गांठ होती है, जो तिल के आकार जितनी होती है और यह पानी से भरा होता है |
आमतौर पर महिलाओं के अंडाशय में सिस्ट असंतुलन हार्मोनल, बदलती जीवनशैली या फिर शरीर के किसी अंग के अस्वस्थ होने के कारण उत्पन्न होता है | अंडाशय में सिस्ट फर्टिलिटी को गंभीर रूप से प्रभावित करने का कार्य करते है | छोटे सिस्ट आमतौर पर किसी भी तरह के समस्या को उत्पन्न नहीं करते है, लेकिन जब यह सिस्ट आकर में बड़े होने लग जाते है तो यह अंडाशय के साथ-साथ गर्भाशय को भी प्रभावित करने लग जाते है | जिससे गर्भाधान की क्षमता पर बहुत बुरा असर पड़ता है |
इसके अलावा कई बार सिस्ट केवल असंतुलन हार्मोनल के कारण भी उत्पन्न होने लग जाते है, जिसकी वजह से गर्भाधान की क्षमता प्रभावित हो जाती है | यदि आप भी ऐसी ही स्थिति से गुजर रहे है तो इलाज के लिए आप द सोफत इनफर्टिलिटी एंड वुमन केयर सेंटर से परामर्श कर सकते है | आइये जानते है अंडाशय में गांठ बनने के मुख्य लक्षण क्या है :-
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अंडाशय में गांठ बनने के मुख्य लक्षण
अंडाशय में गांठ या फिर सिस्ट बनने के कई लक्षण हो सकते है, जिनमें शामिल है :-
- पेट में दर्द होना खासकर यौन प्रक्रिया के दौरान
- पेट में भारीपन, दबाव या फिर सूजन का अनुभव होना
- अनियमित रूप से मासिक धर्म की समस्या होना
- जी मिचलाना या फिर उल्टी होना
- पेशाब करने में दिक्कत होना
- अधिक थकान महसूस करना
- सिरदर्द होना
- अनियमित रूप से वजन का बढ़ना
- कमर के आकार का बढ़ना
- मल त्यागने के दौरान मुश्किल होना आदि |
अंडाशय में गांठ बनने के कुछ लक्षण तब तक समझ नहीं आते, जब तक की यह आकार में ज्यादा बड़े नहीं हो जाते | अधिकतर मामलों में अंडाशय में गांठ अपने आप ही ठीक हो जाती है, लेकिन कई मामलों यह स्थिति को गंभीर भी कर सकता है |
अंडाशय में गांठ का कैसे किया जाता है इलाज ?
अंडाशय में गांठ यानी ओवेरियन सिस्ट का कई तरीकों के माध्यम से इलाज किया जाता है, जैसे की दवाएं, लैप्रोस्कोपी सर्जरी, सिस्ट एस्पिरेशन, कंजर्वेटिव ट्रीटमेंट, ओवेरियन सिस्टेक्टोमी आदि शामिल है | लेकिन कौन-से उपचार की प्रक्रिया के माध्यम से आपकी समस्या का इलाज करना है, यह केवल आपकी स्थिति पर निर्भर करता है, जो आपको केवल स्वास्थ्य सेवा प्रदाता आपकी स्थिति की जांच-पड़ताल करने के बाद ही आपको बता सकते है |
यदि आप में से कोई भी महिला ओवेरियन सिस्ट यानी अंडाशय में बनी गांठ से परेशान है तो इलाज के लिए आप डॉक्टर सुमिता सोफत से परामर्श कर सकते है | द सोफत इनफर्टिलिटी एंड वुमन केयर सेंटर की सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर सुमिता सोफत पंजाब की बेहतरीन आईवीएफ ट्रीटमेंट स्पेशलिस्ट में से एक है, जो पिछले 30 सालों से बांझपन से पीड़ित महिलाओं का सटीकता से इलाज कर, गर्भाधारण करने में उनकी मदद कर रही है | इसलिए आज ही द सोफत इनफर्टिलिटी एंड वुमन केयर सेंटर की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं और परामर्श के लिए अपनी नियुक्ति को बुक करें | इसके अलावा आप चाहे तो वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से संपर्क कर सीधा संस्था से बात कर सकते है |