एंब्रियो या भ्रूण ट्रांसफर के बाद क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए ?

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निसंतान जोड़ो के लिए आईवीएफ उपचार काफी सहायक है। और इसी उपचार में पुरुषों के स्पर्म की मदद से भ्रूण तैयार किया जाता है जो बाद में महिला के गर्भ में रखा जाता है। जिससे एक महिला माँ बनती है। लेकिन अब लोगों के मन में सवाल है की कैसे भ्रूण को ट्रांसफर किया जाता है, इसको ट्रांसफर करने के दौरान किन-किन बातो का ध्यान रखना चाहिए, और भ्रूण ट्रांसफर की प्रक्रिया क्या है, या भ्रूण ट्रांसफर से जुड़े जितने भी प्रश्न है उन सबके जवाब आज के लेख में आपको जरूर देंगे ;

आईवीएफ में एंब्रियो या भ्रूण ट्रांसफर से पहले किन बातो का ध्यान रखना चाहिए?

  • वजन को संतुलित रखें, यदि वजन ज्यादा है तो उसे कम करें। इसके अलावा आप योग, एक्सरसाईज आदि कर सकती हैं।
  • तो दूसरी बात ये है कि भ्रूण ट्रांसफर से पहले आपका मूत्राशय भरा हुआ होना चाहिए।

यदि आपको भी आईवीएफ के जरिये भ्रूण ट्रांसफर करवाना है तो इसके लिए पंजाब में आईवीएफ सेंटर का चयन करें।

आईवीएफ में एंब्रियो या भ्रूण ट्रांसफर क्या है ?

  • भ्रूण ट्रांसफर आईवीएफ (IVF) में वह प्रक्रिया है जिसमे डॉक्टर भ्रूण (एंब्रियो) बना लेते हैं फिर भ्रूण (एंब्रियो) को गर्भाशय में वापिस डालने की प्रक्रिया उनके द्वारा की जाती है और इसी प्रक्रिया को एंब्रियो ट्रांसफर कहते हैं। 
  • खास बात इसमें ये है की एंब्रियो ट्रांसफर के दौरान रोगी को बेहोश नहीं किया जाता। और वही यह प्रक्रिया मात्र 15 से 20 मिनट में हो जाती है। इस प्रक्रिया के समाप्त होते ही रोगी या महिला घर जा सकती है।

यदि आप माँ नहीं बन सकती तो इसके लिए आप पंजाब में आईवीएफ उपचार का चयन कर सकती है। 

एम्ब्र्यो या भ्रूण ट्रांसफर क्यों किया जाता है ?

भ्रूण स्थानांतरण एक सरल प्रक्रिया है जो इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) का अनुसरण करती है और अक्सर इन विट्रो फर्टिलाइजेशन प्रक्रिया को सबसे सरल और अंतिम चरण माना जाता है। 

  • महिलाओं के गर्भाशय का एंडोमेट्रियोसिस रोग से पीड़ित होना। 
  • ओव्यूलेशन से संबंधित डिसऑर्ड होना। 
  • फैलोपियन ट्यूब का ब्लॉक या खराब होना। 
  • यूटेराइन फाइब्रॉइड्स होना। 
  • अस्पष्टीकृत बांझपन से पीड़ित होना। 
  • स्पर्म की गुणवत्ता में खराबी का होना। 
  • आनुवंशिक विकार होना

एम्ब्र्यो या भ्रूण ट्रांसफर के बाद कैसे सोना चाहिए ?

एंब्रियो ट्रांसफर के बाद आप किसी भी स्थिति में सो सकती है। आप पेट के बल, दाई ओर, बाई ओर किसी भी दिशा में सो सकते है। कई लोगो के मन में यह गलत धारणा घूमती है कि यदि वह पेट के बल सोयेंगे तो एंब्रियो ट्रांसफर के पश्चात उनका माँ बनने का सफलता दर कम हो जाएगा। जोकि बिल्कुल गलत है। 

एंब्रियो या भ्रूण ट्रांसफर के बाद क्या सावधानी रखें ?

  • एंब्रियो या भ्रूण ट्रांसफर के बाद आपको संभोग से बचना चाहिए।
  • खुश और सन्तुष्ट रहें। 
  • अधिकतम आराम और अधिकतम काम दोनों से ही खुद का बचाव करें। 
  • दर्द या पीड़ा होने पर डॉक्टर से परामर्श लेकर ही दवाईया ले।
  • प्रक्रिया के दो हफ्ते तक स्नान न करें। 
  • ज़्यादा हिलने वाले व्यायाम से बचे। 

सुझाव :

यदि आप भी भ्रूण ट्रांसफर करवाना चाहती है संतान प्राप्ति के लिए तो आईवीएफ उपचार का चयन सोफत इनफर्टिलिटी एंड वूमेन केयर सेंटर से जरूर करें।

निष्कर्ष :

उम्मीद करते है कि आपको पता चल गया होगा कि एंब्रियो या भ्रूण ट्रांसफर के बाद किन बातो का ध्यान रखना चाहिए। यदि आप भी आईवीएफ के जरिये एंब्रियो या भ्रूण ट्रांसफर की प्रक्रिया से गुजर रही है तो उपरोक्त बातों का खास ध्यान रखें।