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गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तनों को आसानी से नियंत्रित करने के 5 सुझाव, आएंगे काम 

hormonal imbalance

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गर्भावस्था मां बनने वाली महिला के लिए एक बहुत ही खूबसूरत सफर होता है। पर इस सफर में एक गर्भवती महिला को कई बदलावों से गुज़रना पड़ता है, जिसके दौरान वो कई नई चीजों को सीखती है और कई चुनौत‍ियों का भी सामना करती है। आमतौर पर यह चुनौतियां उस के शारीरिक और मानसिक सेहत दोनों से जुड़ी हो सकती हैं। दरअसल गर्भावस्था के दौरान एक महिला के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव आते हैं, जो शिशु के विकास में सहायक होते हैं। आपको बता दें कि हार्मोनल बदलाव प्रजनन क्षमता और भ्रूण के विकास दोनों के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी होते हैं। 

इसके साथ ही गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलावों के यह प्रभाव एक महिला के शरीर में गंभीर गर्भावस्था संबंधी जटिलताएं पैदा करते हैं। क्योंकि इस दौरान एक गर्भवती महिला में मुख्य रूप से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे दो हार्मोन का स्तर तेजी से घटता है और बढ़ता है। आमतौर पर जिसके परिणामस्वरूप महिला के शरीर के स्नायुबंधन और जोड़ ढीले हो जाते हैं। और इसके साथ ही मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन, स्ट्रेस जैसी समस्याएं होने लगती है। आपको बता दें कि इन हार्मोनल बदलाव के कारण गर्भवती महिला को अक्सर थकान महसूस होती है। और इसके अलावा महिला मधुमेह, समय से पहले प्रसव, गर्भपात, जन्म के समय कम वजन वाले बच्चे आदि जैसे गंभीर दुष्प्रभावों की चपेट में आ जाती हैं। तो ऐसी स्थिति में कई बार महिलाएं, गर्भावस्था को एक मुश्किल सफर समझकर बोझ महसूस करने लग जाती हैं। 

आमतौर पर इसलिए एक महिला के लिए गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलावों को समझना और उनको नियंत्रित करना बहुत जरूरी होता है, ताकि महिला के लिए गर्भावस्था का सफ़र सुखद और सुरक्षित रहे। और वहीं अगर गर्भवती महिला कुछ आसान सुझावों की मदद लें, तो शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलावों को नियंत्रित करना आपके लिए आसान बन जाएगा। तो आइये इस लेख के माध्यम से इसके डॉक्टर से इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं, कि गर्भावस्था के दौरान एक महिला के होने वाले हार्मोनल बदलावों को किस तरह से नियंत्रित किया जा सकता है।

गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलावों को नियंत्रित करने के सुझाव

1. शरीर को हाइड्रेट रखें

आज के समय में अपने शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है, शरीर को हाइड्रेट रखने से शरीर की आधी समस्याएं कम हो जाती हैं। इसके साथ ही गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को हाइड्रेशन का खास ख्‍याल रखना चाहिए। और इस दौरान महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए। आमतौर पर डॉक्टर की सलाह से आप नारियल पानी, हर्बल टी, नींबू पानी, छाछ जैसे पेय पदार्थों का सेवन भी कर सकती हैं। दरअसल गर्भावस्था के दौरान महिलाएं पुदीना की चाय का सेवन कर सकती हैं, इस से मतली और उल्टी जैसे लक्षण दूर हो जाते हैं और पाचन भी बेहतर रहता है।

2. हल्का व्यायाम करें

आपको बता दें कि गर्भावस्था के दौरान शारीरिक गतिविधि हार्मोनल संतुलन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है। दरअसल गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोन बदलाव की वजह से गर्भवती महिलाओं को अक्सर चिड़चिड़ापन महसूस होता है। इसलिए इस समस्या को दूर करने के लिए महिअलों को हल्का व्यायाम करना चाहिए। इसके साथ ही महिलाएं सुबह और शाम वॉक पर जा सकती हैं। दरअसल हल्का व्यायाम हार्मोन रिसेप्टर संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं और मांसपेशियों में खून के प्रवाह को बेहतर बनाते हैं। बता दें कि भारी वर्कआउट करने की बजाए, आप योग और गहरी सांस लेने जैसे व्यायाम कर सकते हैं। 

3. नींद पूरी करें

बता दें कि गर्भावस्था के महत्वपूर्ण समय में एक महिला के शरीर को आराम करने और स्वस्थ होने के लिए अच्छी और पूरी नींद की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। नींद की कमी आमतौर पर इंसुलिन, कोर्टिसोल, लेप्टिन, घ्रेलिन और एचजीएच जैसे कई हार्मोनों में हार्मोनल असंतुलन के साथ जुड़ी होती है। दरअसल नींद की खराब आदतें गर्भवती महिला को अपर्याप्त नींद की ओर ले जाती हैं, और इंसुलिन प्रतिरोध के साथ-साथ महिला में भूख और तनाव के हार्मोन भी बढ़ जाते हैं। दरअसल इस दौरान अगर आपकी नींद पूरी नहीं होगी, तो आप दिनभर थकान और सुस्ती महसूस करेंगी। इसलिए आपको रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। इस दौरान अगर किसी महिला को अनिद्रा की समस्या है, तो पॉवर नैप लेने का प्रयास करें, जिससे वह फ्रेश महसूस करेंगी और हार्मोनल बदलावों को नियंत्रित कर पाएंगी।

4. पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लें

आमतौर पर पोषक तत्वों से भरपूर आहार हमारी सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है।अगर आप गर्भवती हैं, तो आप डॉक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह लेकर अपना डाइट चार्ट बनाएं। दरअसल प्रोटीन, आयरन, हेल्दी फैट्स, फाइबर जैसे पोषक तत्वों से भरपूर आहार को आप अपनी डाइट में शामिल करें। इन पोषक तत्वों से भरपूर आहारों का सेवन करने से हार्मोनल बैलेंस में मदद मिलती है और गर्भवती महिला का मूड भी बेहतर होता है। दरअसल प्रोटीन से भरपूर आहार खून के प्रवाह को बढ़ाने और आपके शिशु को बहुत ज्यादा खून प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आपको बता दें कि ज्यादातर महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान पनीर, हरी सब्जियां, फल, सूप, खिचड़ी जैसे हेल्दी विकल्‍पों का ही सेवन करना चाहिये। 

5. गर्भावस्था के दौरान पॉजिटिव रहें

दरअसल गर्भावस्था के दौरान बिलकुल भी पॉजिटिव न सोचना और इस दौरान अत्यधिक तनाव लेना, यह माँ और गर्भस्थ शिशु दोनों के लिए हानिकारक होता है। आमतौर पर अगर किसी गर्भवती महिला के तनाव हार्मोन का स्तर बहुत ज्यादा है, तो ऐसे में उसके गर्भवती होने की संभावना कम और गर्भपात होने की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए इस तरह की स्थिति से बचने के लिए, ज्यादातर महिलाओं को पॉजिटिव सोचना चाहिए। आपको बता दें कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के तहत नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के एक अध्ययन के अनुसार, इस दौरान पॉजिटिव रहने से गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। इसलिए महिला को पॉजिटिव और खुश रहना चाहिए। 

निष्कर्ष

गर्भावस्था के दौरान ज्यादातर महिलाओं को हार्मोनल बदलावों के प्रतिकूल प्रभावों का सामना करना पड़ता है। यह हार्मोनल असंतुलन गर्भवती महिला के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, दोनों को प्रभावित करते हैं। इसलिए, शरीर को हाइड्रेट रखना, हल्का व्यायाम करना, अपनी नींद पूरी करना, पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेना और गर्भावस्था के दौरान पॉजिटिव रहना, यह सुझाव आपको गर्भावस्था के शुरुआती दौर में हार्मोन को नियंत्रित करने और हर हफ़्ते गर्भावस्था के हार्मोन के असंतुलन को दूर करने में मदद करते हैं। इसके साथ गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था की दहलीज पर हार्मोनल बैलेंस को बनाए रखने के लिए खुश ज्यादातर खुश रहें, एक्‍ट‍िव रहें, तनाव को दूर करें और हेल्दी डाइट का सेवन करें। इसके साथ ही अपनी गर्भावस्था की यात्रा का आनंद लेना न भूलें और गर्भावस्था के दौरान किसी भी नए आहार या अभ्यास का पालन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर करें, ऐसा करना हमेशा उचित होता है। अगर आपको भी इसके बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करनी है और इन सुझावों का पालन करने के बावजूद भी आपके हार्मोन बैलेंस नहीं हो पा रहे हैं, और आप इसके बारे में डॉक्टर से सलाह करना चाहती हैं, तो आप आज ही सुमिता सोफत अस्पताल में जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकती हैं और इसके विशेषज्ञों से इसके बारे में जानकारी ले सकती हैं।

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