एम्ब्रायो ट्रांसफर के बाद पेट में दर्द की समस्या क्यों होती है ?

sofat क्या है एम्ब्रायो ट्रांसफर की सम्पूर्ण दर्द की प्रक्रिया

एम्ब्रायो ट्रांसफर या जिसे भ्रूण स्थांतरण भी कहा जाता है, ये प्रक्रिया आईवीएफ उपचार की है। तो वही आज के लेख में हम बात करेंगे की कैसे एक डॉक्टर आईवीएफ उपचार के दौरान महिलाओं में भ्रूण का स्थांतरण करते है।  इसके अलावा इस भ्रूण स्थांतरण में महिलाओं को कितनी दर्द की समस्याओ का सामना करना पड़ता है, और क्या है भ्रूण या एम्ब्रायो स्थांतरण, जैसी तमाम जानकारी हासिल करने के लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर से पढ़े ;

एम्ब्रायो ट्रांसफर के बाद पेट में दर्द की समस्या क्यों उत्पन होती है ?

  • आईवीएफ उपचार के दौरान उपयोग की जाने वाली दवाएं हार्मोनल परिवर्तनों को ट्रिगर करती हैं जिससे पेट में ऐंठन की समस्या उत्पन होती है । आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान की जाने वाली कुछ प्रक्रियाएं, विशेष रूप से अंडा पुनर्प्राप्ति और भ्रूण स्थानांतरण, भी ऐंठन पैदा करने के लिए जाने जाते हैं।
  • तो वही आपके पेट में दर्द की समस्या सफल भ्रूण स्थानांतरण के कारण भी होता है।
  • ओवेरियल हेमरेज के कारण भी पेट में दर्द हो सकता है। 
  • एक्टोपिक प्रेगनेंसी भी पेट दर्द का कारण हो सकती है। 
  • पेल्विक इन्फेक्शन भी इसके एक गंभीर पेट दर्द के कारणों में शामिल है।

इसके अलावा अगर आपको भ्रूण स्थांतरण के दौरान पेट में दर्द की समस्या होती है, तो इसके लिए आपको पंजाब में आईवीएफ सेंटर का चयन करना चाहिए।

एम्ब्रायो या भ्रूण ट्रांसफर क्या है ?

  • एंब्रियो ट्रांसफर आईवीएफ में वह प्रक्रिया है जिसमे डॉक्टर भ्रूण (एंब्रियो) बना लेते हैं फिर भ्रूण को गर्भाशय में वापिस डालने की प्रक्रिया को एंब्रियो ट्रांसफर कहते हैं, तो वही एंब्रियो ट्रांसफर करने के दौरान रोगी को बेहोश करने की अवश्यकता नहीं होती। क्युकि इस प्रक्रिया को मात्र 15 से 20 मिनट में कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया के समाप्त होते ही रोगी या महिला अपने घर वापिस जा सकते है।

एम्ब्रायो ट्रांसफर के कितने दिन बाद महिला प्रेग्नेंट होती है ?

  • एम्ब्र्यो ट्रांसफर एक छोटी प्रक्रिया है जिसे पूरा होने में मात्र 15 से 20 मिनट का समय लगता है। इस प्रक्रिया के समाप्त होने के कुछ ही घंटों या इसके भीतर महिला अपने घर जा सकती है। एम्ब्र्यो ट्रांसफर होने के लगभग 14 दिनों के बाद डॉक्टर महिला को क्लिनिक बुलाकर उसका प्रेगनेंसी टेस्ट करते हैं। तो इन 14 दिनों के बाद ही पता चलता है कि महिला गर्भवती है या नहीं।

यदि आप संतान प्राप्त करना चाहती है तो इसके लिए आपको पंजाब में आईवीएफ उपचार का चयन करना चाहिए।

आईवीएफ उपचार में महिलाओं को कौन-सी दवाइया दी जाती है ?

निम्न दवाइया आईवीएफ में महिलाओं को दी जाती है ;

  • जी मिचलाने, दस्त, उल्टी, और पेट में उफान आ सके इसकी दवाई दी जाती है महिलाओं को।

सुझाव :

भ्रूण स्थांतरण के दौरान दर्द का होना कोई बड़ी बात नहीं है क्युकि एम्ब्रायो को जब ट्रांसफर किया जाता है, तो महिला के गर्भ में भ्रूण को रखा जाता है। वही अंदर भ्रूण इधर-उधर हिलता है, जिसकी वजह से पेट में दर्द का होना कोई बड़ी बात नहीं है। इसके अलावा दर्द यदि असहनीय हो तो इसके लिए बिना देरी किए किसी अच्छे हॉस्पिटल या आप सोफत इनफर्टिलिटी एन्ड वुमन केयर सेंटर का चयन भी कर सकते है।

निष्कर्ष :

एम्ब्रायो ट्रांसफर के बाद पेट में दर्द की समस्या कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन समस्या ज्यादा गंभीर होने पर खुद से दर्द को शांत करने के लिए कोई दवाई न ले बल्कि सही समय पर डॉक्टर का चयन करें।