इस बात को सभी जानते हैं कि मासिक धर्म चक्र एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो महिलाओं में हार्मोनों द्वारा नियंत्रित होती है। हालांकि यह आम तौर पर 28 दिनों का होता है, पर इसमें बदलाव होना एक आम बात है। महिलाओं में कभी-कभी पीरियड्स तनाव, जीवनशैली में बदलाव, या हल्के हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण देरी से आ सकते हैं, जो हानिकारक नहीं होता। अगर महिलाओं में पीरियड्स अनियमित रहते हैं, तो यह पोषण संबंधी कमी, पीसीओएस या फिर थायरॉयड जैसी समस्याओं जैसी स्थिति का भी संकेत हो सकता है। जिसके लिये औरतों को डॉक्टरी सलाह जरूरी होती है। महिलाओं में पीरियड्स की अनियमितता ना केवल बांझपन को बल्कि यह और भी स्वास्थ्य समस्याओं को भी प्रभावित कर सकती है।
आम तोर पर जब महिलाओं को पीरियड्स नहीं आते, तो वह इसको लाने के लिए कई तरह के उपायों को करते हैं, पर सुरक्षित, प्राकृतिक या फिर डॉक्टरी रूप से प्रमाणित तरीकों को अपनाना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। हालांकि आपको बता दें कि, बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी तरह की दवा को खाना सेहत के लिए जोखिम भरा हो सकता है। इस तरह की समस्या होने पर स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लेना बहुत ज्यादा जरूरी और सही तरीका होता है।
पीरियड्स न आने या देर से आने के क्या कारण हैं?
1. तनाव और चिंता होना : ज्यादा तनाव और चिंता हार्मोन संतुलन को बाधित कर सकते हैं, जिससे पीरियड्स देर से आ सकते हैं।
2. हार्मोनल असंतुलन होना : एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में होने वाले बदलाव पीरियड्स को अनियमितता कर सकते हैं।
3. वजन में बदलाव होना : वजन का बढ़ना और घटना पीरियड्स को असंतुलित कर सकता है।
4. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम : यह आम समस्या असामान्य ओव्यूलेशन का कारण बनती है।
5. थायराइड विकार होना : पीरियड्स को हाइपोथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म प्रभावित कर सकते हैं।
6. बहुत ज्यादा कसरत करना : ज्यादा कसरत करने पर शरीर में फैट की कमी हो सकती है जिस से पीरियड्स प्रभावित हो सकते हैं।
7. खराब डाइट और पोषण की कमी होना : शरीर में आयरन, विटामिन डी और हेल्दी फैट की कमी पीरियड्स को अनियमित कर सकती है।
8. दवाइयां और पुरानी बीमारियां होना : डायबिटीज और एंटीडिप्रेसेंट जैसी दवाएं पीरियड्स बाधित कर सकती हैं।
पीरियड में देरी होना कब सामान्य होता है?
आमतौर पर महिलाओं को कभी-कभी पीरियड में देरी होना एक आम बात है। ख़ास तोर पर ऐसा यौवन, मेनोपॉज़ या प्रेग्नेंसी के बाद होता है, जब महिला के शरीर में बड़े हार्मोनल बदलाव होते हैं। छाती के दूध को पिलाना अस्थाई रूप से ओव्यूलेशन को भी रोक सकती है। महिला की डाइट में बदलाव, यात्रा और हल्का तनाव भी पीरियड्स में हल्की देरी कर सकता है। लेकिन अगर आप एक-दो पीरियड्स में सामान्य हो जाए, तो ये चिंता करने की बात नहीं होती।
पीरियड का छूटना या देर से आना को लेकर कब सतर्क रहना चाहिए?
जब महिला के पीरियडस छूट जाते हैं और देरी से एते हैं तो ये चिंता करने वाली बात होती है अगर किसी महिला को गर्भावस्था को छोड़कर 3 महीने या फिर इससे ज्यादा समय से पीरियड नहीं आयें हैं, और अचानक से बहुत ज्यादा या लंबे समय से ब्लीडिंग हो रही है, तीव्र दर्द, बहुत ज़्यादा बालों का बढ़ना, या फिर आपको अपने वजन में कोई बढ़ा बदलाव दिखाई दे रहा है तो आपको तुरंत गायनेकोलॉजिस्ट से मिलना चाहिए। अगर किसी महिला को लगातार अनियमित पीरियड्स की दिक्कत हो रही है तो ये पीसीओएस, थायरॉयड समस्या, एंडोमेट्रियोसिस या फिर और स्वास्थ्य समस्याओं की ओर इशारा हो सकता है, जिसका सही इलाज होना बहुत ज्यादा जरूरी होता है।
पीरियड लाने का उपाय
आपका पीरियड देर से आ रहा है, आप इसको जल्दी लाने के उपाय ढूंढ सकते हैं, पर आपको सुरक्षित तरीकों को चुनना बहुत ज्यादा जरूरी है। कुछ प्राकृतिक उपाय पीरियड्स को नियमित कर सकते हैं, जबकि डॉक्टर की निगरानी में ही दवाओं का उपयोग करें।
पीरियड को लाने के प्राकृतिक उपाय
अगर किसी महिला को पीरियड्स में हल्की अनियमितता है, तो वह अपनी डाइट, घरेलू नुस्खे और लाइफस्टाइल बदलाव करके इसको ठीक कर सकती है। ये तरीके बिना साइड इफेक्ट के हार्मोन बैलेंस कर सकते हैं।
पीरियड्स नियमितता के लिए खाने में बदलाव
1. विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ: विटामिन सी से भरपूर जैसे संतरा, नींबू, शिमला मिर्च एस्ट्रोजन खाद्य पदार्थ को होनी डाइट में बढ़ाकर पीरियड आने में मदद मिल सकती है
2. आयरन युक्त खाद्य पदार्थ: आयरन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे पत्तेदार साग, दाल, चुकंदर सेहतमंद खून को बढ़ाते हैं, आयरन की कमी को रोक देते हैं।
3. अदरक और हल्दी: अदरक और हल्दी के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण खून परिसंचरण को सुधारते हैं और पीरियड्स को आने में मदद मिलती है।
पीरियड के समय से लाने के लिए घरेलू उपाय
1.अजवाइन : अजवाइन से पीरियड के दर्द से राहत और खून के प्रवाह को बढ़ाने में मदद मिलती है।
2.मेथी: मेथी एस्ट्रोजन को नियंत्रित करने में मदद करती है और महिला को समय पर पीरियड्स आते हैं।
3.दालचीनी: इंसुलिन पीरियड की नियमितता को प्रभावित कर सकता है और दालचीनी इंसुलिन के स्तर को संतुलित करता है।
4.आयुर्वेदिक पहुंच : अश्वगंधा और शतावरी जैसी जड़ी-बूटी पारंपरिक रूप से पीरियड की अनियमितता को ठीक करने में मदद करती हैं।
पीरियड्स समय से लाने के लिए जीवनशैली सुधार
1. नियमित कसरत : योग और तेज चलने जैसी नियमित कसरत तनाव को कम करने और हार्मोन को संतुलित करने में मदद करती हैं
2. तनाव प्रबंधन: ध्यान और साँस लेने जैसे व्यायाम आपके पीरियड्स को नियमित करने में मदद करते हैं। और ये उच्च कोर्टिसोल स्तर को संतुलित करता है जो एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर को प्रभावित कर सकता है।
3. सही नींद चक्र: रोजाना 7 से 8 घंटे की गहरी नींद लें। ताकि हार्मोन संतुलित रहें।
4. स्वस्थ वजन प्रबंधन: बहुत ज्यादा वजन कम होना या फिर इसका बढ़ना ओव्यूलेशन और पीरियड्स को प्रभावित कर सकता है। संतुलित आहार को लेना और रोजाना की गतिविधि उसको स्थिर कर सकती है।
पीरियड को लाने के लिए दवाइयां और टेबलेट्स
विशेष रूप से केवल डॉक्टर की सलाह पर ही पीरियड को सुरक्षित रूप से नियमित करने के लिए दवाइयों का उपयोग करना चाहिए। खुद की दवा हार्मोनल असंतुलन और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं
हार्मोन संतुलित करने वाली दवाएं
1. प्रोजेस्टेरोन थेरेपी: जिन महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन स्तर में कमी होती है, उनके पीरियड्स को शुरू करने के लिए प्रोजेस्टेरोन थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है।
2. एस्ट्रोजन-नियमित दवाइयाँ: एस्ट्रोजन-नियमित दवाइयों को पीसीओएस या थायराइड से संबंधित पीरियड में देरी के लिए दी जाती हैं।
3. मेटफॉर्मिन: यह इंसुलिन प्रतिरोध को बेहतर करता है, जिससे नियमित पीरियड आ सकते हैं।
गर्भनिरोधक गोलियां
1.संयोजन गोलियाँ: संयोजन गोलियाँ एक पूर्वानुमानित चक्र को बना कर रखने के लिए एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन दोनों को संतुलित करती हैं।
2.प्रोजेस्टिन-फिरफ गोलियाँ: एस्ट्रोजन-संवेदनशील महिलाओं या अनियमित खून बहने की समस्याओं में प्रोजेस्टिन-फिरफ गोलियों का उपयोग किया जाता है।
ज़्यादातर पीसीओएस, एंडोमेट्रियोसिस या अनियमित ओव्यूलेशन जैसी समस्यायों में डॉक्टर इन लगोलिओं की सलाह देते हैं।
पीरियड्स को नियमित करने वाली गोलियां
1. आम तौर पर कुछ नुस्खे वाली गोलियां पीरियड को लाने में मदद करती हैं, पर ऐसी दवाइयों को कभी भी डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेना चाहिए
2.आम तौर पर महिलाओं के पीरियड्स को शुरू करने के लिए प्रिस्क्राइब की जाने वाली गोलियां: नोरेथिस्टेरोन या फिर मेड्रोक्सीप्रोजेस्टेरोन जैसी गोलियां पीरियड्स को नियमित करती हैं।
इन गोलियों का इस्तेमाल कब किया जाता है?
विशेष रूप से इनको तब दिया जाता है, जब किसी महिला को 3 महीने से ज़्यादा समय से पीरियड्स न आये हों या हार्मोनल असंतुलन गंभीर होता है।
आम तौर पर ऐसी दवाइयां नियमित पीरियड्स को बहाल कर सकती हैं, लेकिन आगे इन को गलत तरीके से लिया जाता है तो ये आपके लिए हानिकारक हो सकती हैं। अगर इन को डॉक्टर की सलाह से लिया जाये तो आप बहुत ज्यादा खून बहने, मतली, मूड स्विंग जैसी समस्याओं से अपना बचाव कर सकती हैं। आप स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं, अगर आपको बार-बार पीरियड्स में देरी हो रही है और आपको सुरक्षित उपचार योजना को अपनाना चाहिए।
जोखिम और सावधानियां डॉक्टर क्या कहते है?
रिसर्च के अनुसार, हार्मोनल गोलियों को डॉक्टर की सलाह के बिना और इन का बहुत ज्यादा इस्तेमाल सेहत संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। अक्सर ऐसा देखा जाता है की कई महिलाएं खुद से ही दवाइयों को ले लेती हैं, हार्मोनल दवाओं के जोखिम को अनदेखा करती हैं।
हार्मोनल गोलियों के ज्यादा इस्तेमाल के जोखिम
1. ब्लड क्लॉट्स, स्ट्रोक और दिल की बीमारी: हार्मोनल गोलियों के ज्यादा इस्तेमाल से विशेष रूप से धूम्रपान और ज्यादा उम्र वाली महिलाओं को ब्लड क्लॉट्स, स्ट्रोक और दिल की बीमारी का जोखम बढ़ता है।
2. हार्मोनल असंतुलन: महिलाएं अनियमित चक्र, मूड स्विंग और वजन बढ़ने जैसी समस्याओं का शिकार हो सकती हैं।
3.हड्डी के खनिज का नुकसान: इंजेक्शन लगाने वाले गर्भनिरोधक का लंबे समय तक उपयोग हड्डियों को कमजोर बनाता है।
4. लिवर संबंधी समस्याएं और उच्च रक्तचाप : कुछ ऐसी दवाएं जो लिवर और ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकती है।
असत्यापित घरेलू उपचारों के जोखिम
बहुत अधिक पारंपरिक उपचारों पर निर्भर होना भी खतरनाक साबित हो सकता है, खास तौर पर जब उनके पास कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण न हों।
1. हार्मोनल असंतुलन: एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन पर कुछ जड़ी-बूटियां अपना प्रभाव डाल सकती हैं। जिसकी वजह से पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं।
2. लिवर और किडनी को नुकसान: बहुत ज़्यादा हर्बल के सेवन से लिवर और किडनी के डेमेज होने के नुक्सान हो सकते हैं।
3. एलर्जिक रिएक्शन और पाचन समस्याएं : गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल असुविधा या एलर्जी कुछ जड़ी-बूटियां से शुरू हो सकती है।
डॉक्टर की सलाह और सही इलाज जरूरी है।
1. सिर्फ डॉक्टर के द्वारा दी गई सलाह और दवाइयों को लें।
2. ऐसी समस्या होने पर संतुलित आहार और हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाएं।
3. ज्यादा जड़ी-बूटियों या घरेलू नुस्खों के इस्तेमाल से बचें।
4. अगर किसी महिला को पीरियड्स में लगातार देरी होती है तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें।
पीरियड्स को नियमित करने के बारे में सामान्य प्रश्नों के उत्तर
1.पीरियड को जल्दी कैसे लाये और किन बातों का ध्यान रखें?
मिफेप्रिस्टोन और मिसोप्रोस्टोल जैसी कुछ दवाएं 2 घंटे के अंदर महिला को पीरियड्स ला सकती हैं। पर डॉक्टर की सलाह के बिना इन का इस्तेमाल करना बहुत ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।
पेट पर गर्म सेंक लगाने पर खून का प्रवाह में बढ़ोतरी होती है और इससे पीरियड्स समय पर आ सकते हैं।
योग और हल्के कार्डियो करने से हार्मोनल संतुलन बेहतर होता है।
संतरे, नींबू, पालक और चुकंदर जैसे आहार जो विटामिन सी और आयरन से भरपूर होते हैं। ये पदार्थ गर्भाशय के संकुचन का समर्थन करते हैं।
अदरक और अजमोद जैसी हर्बल चाय खून के प्रवाह को बढ़ाने में फायदेमंद मानी जाती है, पर इनका बहुत ज्यादा सेवन करने पर साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं।
2.यदि आप गर्भवती हो जाएं तो मासिक धर्म कैसे आएगा?
अगर आपको इस बात का शक है की आप गर्भवती हो सकती हैं, आप पहले इसका परीक्षण करें।
अपने डॉक्टर से सलाह करें और उचित डॉक्टरी गाइडेंस लें।
ऐसा लगने पर आपको बिना डॉक्टरी देखरेख के किसी भी दवा का इस्तेमाल न करें।
चेतावनी: महिला को असुरक्षित गर्भपात से जान का खतरा भी हो सकता है। उचित जानकारी और सुरक्षित डॉक्टर समाधान के लिए आप किसी योग्य स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह और उससे मिलकर बात करें।
3. बस 2 मिनट में पीरियड कैसे लाए और क्या यह संभव है ?
किसी भी तरीके से तुरंत पीरियड नहीं लाया जा सकता है। ये बातें केवल मिथक हैं की कैसे 2-मिनट पीरियड कैसे लाए। इसके लिए गलत और असुरक्षित तरीकों को अपनाना आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है
तनाव को कम करना, शरीर को हाइड्रेट रखें और हल्की शारीरिक गतिविधियों को करना पीरियड लाने में मदद करना और नियमित करने में मदद कर सकती हैं। कुछ खाद्य पदार्थ या हर्बल चाय हार्मोनल संतुलन को सपोर्ट कर सकते हैं, लेकिन यह तुरंत ब्लीडिंग शुरू नहीं करते।
कुछ आसानी से उपलब्ध पीरियड्स लाने वाली दवाइयां और टैबलेट
1. मेड्रोक्सीप्रोजेस्टेरोन प्रोवेरा, डेविरी
इसकी खुराक: 2.5 मिलीग्राम, 5 मिलीग्राम, या फिर 10 मिलीग्राम, (5 से 10 दिन तक)
उद्देश्य: पीरियड्स न होने या पीरियड्स अनियमित होने के मामले में खून के बहाव को प्रेरित करना।
2. नोरेथिस्टेरोन प्रिमोलुट-एन, रेजेस्ट्रोन
इसकी खुराक: दिन में 2 से 3 बार, 5 मिलीग्राम, (3 से 5 दिनों के लिए)
उद्देश्य:पीरियड्स को आगे बढ़ाने या जल्दी लाने के लिए, इस खुराक का इस्तेमाल और समय पर निर्भर करता है।
3. गर्भनिरोधक गोलियां
इसकी खुराक: इसको फिरफ डॉक्टर की सलाह के अनुसार हर रोज 1 गोली को लेना।
उद्देश्य: पीरियड्स को नियमित करना, हार्मोन को कंट्रोल करना और गोलियों को बंद करने के बाद पीरियड्स को लेकर आना।
4. मिफेप्रिस्टोन और मिसोप्रोस्टोल
इसकी खुराक: इसको सिर्फ डॉक्टर की देखरेख में ही दिया जाता है।
उद्देश्य: इस दवा को चिकित्सीय गर्भपात के लिए इस्तेमाल किया जाता है, और न कि नियमित पीरियड्स को लाने के लिए।
निष्कर्ष:
आज के समय कई महिलाओं का गलत खान पान, हार्मोनल इंबैलेंस और जीवन शैली में बदलाव पीरियड्स को अनियमित और उसको रोक सकता है। पीरियड्स को सुरक्षित रूप से लाने के लिए संतुलित पहुंच को अपनाना बहुत जरूरी होता है। इसमें जैसे संतुलित आहार, तनाव प्रबंधन और रोजाना कसरत करने जैसे प्राकृतिक तरीके शामिल होने चाहिए। कुछ दवाएं पीरियड्स को कंट्रोल करने में मदद करती हैं, पर इन को डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेना चाहिए, ताकि आप इसके हानिकारक प्रभाव से अपना बचाव कर सकें। पौष्टिक आहार, पर्याप्त पानी पीना, और तनाव को कंट्रोल करना जैसे तरीके लंबे समय के लिए स्वस्थ पीरियड्स चक्र को बनाए रखने में मदद करते हैं। और अनियमित पीरियड्स, बांझपन या गर्भावस्था से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लेना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। अगर आपको भी इसके बारे में जानकारी प्राप्त करनी है तो आप अजा ही सुमिता सोफत अस्पताल जाके अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके विशेषज्ञों से बात कर सकते हैं।