जाने कैसे किया जाता है गर्भाशय में सूजन का इलाज ?

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प्रत्येक महिलाओं के जीवन में गर्भाशय का एक एहम स्थान होता है | यह वह स्थान होता है, जहाँ गर्भनिर्धरण का कार्य होता है, जो शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रूरी होता है | लेकिन कई बार कुछ महिलाओं को अपने गर्भाशय के आकार में आये बदलाव के कारण कई तरह की परेशानियों से सामना करना पड़ जाता है | गर्भाशय के आकार में बदलाव को मोटा गर्भाशय भी कहा जाता है | आइये जानते है मोटा गर्भाशय के बारे में विस्तारपूर्वक से :- 

मोटा गर्भाशय क्या होता है ? 

मोटा गर्भाशय उस स्थिति को कहा जाता है, जिसमें गर्भाशय का आकार सामान्य रूप से काफी बढ़ जाता है | मोटा गर्भाशय होने के कई कारण हो सकते है, जो आपके स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है | यह अक्सर गर्वास्था के दौरान दिखाई देता है, जो महिलाओं में बांझपन की समस्या को उत्पन्न कर सकता है | भारी गर्भाशय इस बात का इंगित करती है की गर्भाशय का आकर बड़ा हो गया है, जो अक्सर फाइब्रॉइड, एडिनामायोसिस या फिर असंतुलन हार्मोन जैसे स्थितियों के कारण उत्पन्न होता है | आमतौर सामान्य गर्भाशय का आयाम 8 सेमी X 5 सेमी X 4 सेमी तक होता है, जबकि इस स्थिति से पीड़ित महिलाओं के गर्भाशय का आकार अपेक्षा से अधिक बढ़ सकता है | कई बार गर्भाशय में सूजन असुविधा या फिर प्रजनन सनबंधी समस्याओं के कारण उत्पन्न हो सकते है | आइये जानते है गर्भाशय में सूजन होने के मुख्य लक्षण क्या है :- 

मोटा गर्भाशय के मुख्य लक्षण क्या है ? 

  1. पीरियड्स का अनियमित होना 
  2. पीरियड्स के दौरान अधिक ब्लीडिंग होना 
  3. पेट में तीव्र दर्द होना या फिर अधिक दबाव पड़ने का अनुभव होना 
  4. पेट के चले हिस्से में दर्द होना 
  5. पेट में बार-बार गैस का बनना और पेट का फूलना 

मोटा गर्भाशय होने के मुख्य कारण क्या है ? 

मोटा गर्भाशय होने के कई कारण हो सकते है, जो आपके स्वास्थ्य, आयु और जीवनशैली पर निर्भर करता है, जिनमें शामिल है :- 

  • फाइब्रॉइड :- फाइब्रॉइड गर्भाशय के अंदर मांसपेशियों के रूप में विकसित होते है, जो मोटा गर्भाशय का प्रमुख  कारण बनता है | वैसे तो यह बिना सर्जरी के भी निकाले जा सकते है, लेकिन कई बार सर्जरी को करवाने की आवश्यकता पड़ सकती है | 
  • बढ़ती उम्र :- कई बार उम्र बढ़ने के साथ-साथ महिलओं के गर्भाशय का आकार भी बढ़ने लग जाता है, जो केवल उनके शरीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर निर्भर करता है | 
  • स्वास्थ्य समस्याएं :- कुछ स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं जैसे कि गर्भाशय में संक्रमण, गर्भाशय में सूजन या फिर गर्भाशय में रसों का संकेत आदि मोटा गर्भाशय होने का कारण बन सकते है | 
  • हार्मोनल परिवर्तन :- हार्मोनल परिवर्तन गर्भाशय के आकार में बदलाव कर सकता है, खासकर तब, जब परिवर्तन प्रजनन संबंधित हार्मोन से हो | 
  • गर्भाशय के परिपूर्ण संरचना :- इसमें गर्भाशय के कुछ हिस्सों में पार्टियाल गिरावट या फिर पूर्ण गिरावट हो जाती है, जिससे गर्भाशय का आकार बढ़ने लग जाता है | 

गर्भाशय और गर्भावस्था में इसकी भूमिका क्या है ? 

महिलाओं में गर्भाशय प्रजनन तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और गर्भावस्था में यह अपनी अहम भूमिका को निभाता है | यह दोनों स्थिति में कैसे कार्य करती है, आइये जानते है :- 

गर्भाशय का स्थान 

  1. मासिक धर्म :- गर्भाशय मासिक धर्म के दौरान एक महिला के शरीर में गर्म और रक्त को स्वाधीनता करता है, इसके साथ ही यह रक्त को बढ़ावा देता है, जिससे यह बाहर को आ जाते है | 
  1. प्रजनन :- गर्भाशय गर्भधारण की प्रक्रिया में अपनी अहम भूमिका निभाता है | जब एक महिला गर्भवती होती है, तो गर्भाशय गर्भ को धारण कर लेता है और शिशु को पालने के लिए बेहतर और सुरक्षित आवास को प्रदान करता है | 
  1. यौनि मार्ग की स्वस्थता :- गर्भाशय के स्वस्थ रहने से यौनि मार्ग को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है |   

गर्भावस्था में गर्भाशय का स्थान

  1. गर्भावस्था के दौरान, गर्भाशय में पनप रहे शिशु को पालने के लिए एक बेहतर और सुरक्षित आवास को प्रदान करने में कार्य करता है | यह शिशु के विकास में और उसे पोषण प्रदान करने में मदद करता है | 
  1. गर्भावस्था के दौरान, गर्भाशय का आकार एक नियमित रूप से बदल सकता है, जो गर्भाशय में पनप रहे शिशु के आकार अनुसार ही होता है | 
  1. गर्भावस्था के दौरान, गर्भाशय बच्चे को पैदा करने के लिए एक आवास को प्रदान करता है, जो सुरक्षित डिलीवरी करने में सहायक होते है | 

मोटा गर्भाशय का कैसे किया जाता है इलाज ? 

मोटा गर्भाशय के सटीक इलाज के लिए एक सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है | मोटा गर्भाशय का इलाज कई तरीकों से किया जा सकता है, जैसे की दवाइयां, हार्मोन थेरेपी, सर्जरी आदि शामिल है | लेकिन आपके इलाज के लिए कौन-सी प्रक्रिया का चुनाव करना है यह केवल आपकी स्थिति और डॉक्टर ही बता सकते है, क्योंकि हर महिला में मोटा गर्भाशय होने कारण और लक्षण विभिन्न होते है | सूजन की गंभीरता और इलाज का तरीका केवल एक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा ही पुष्टि किया जाता है | इसलिए बिना समय को गवाएं तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और अपना इलाज करवाएं | इलाज के लिए आप डॉक्टर सुमिता सोफत से मिल सकते है | 

द सोफत इनफर्टिलिटी एंड वुमन केयर सेंटर की सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर सुमिता सोफत पंजाब के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ स्पेशलिस्ट में से एक है, जो पिछले 30 वर्षों से इनफर्टिलिटी से पीड़ित मरीज़ों का इलाज कर, उन्हें आईवीएफ के माध्यम से गर्भधारण करने में मदद कर रही है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही द सोफत इनफर्टिलिटी एंड वुमन केयर सेंटर की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं और अपनी नियुक्ति को बुक करें | इसके अलावा वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर अपनी नियुक्ति को बुक करवा सकते है |

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