एक नन्ही-सी जान के मुंह से मम्मी-पापा का शब्द सुनना, प्रत्येक दंपति की सबसे बड़ी ख्वाहिश होती है, लेकिन किसी कारणवश मां-बाप बनने का सुख हर दंपति को प्राप्त नहीं हो पाता है | ऐसे में आईवीएफ ट्रीटमेंट बांझपन से पीड़ित दंपतियों के लिए अंधेरे में दिये की तरह काम करता है | बांझपन एक ऐसी समस्या है जिसमें दंपति बार-बार प्राकृतिक रूप से कोशिश करने के बाद भी गर्भधारण करने में असमर्थ हो जाता है | एक दंपति में बांझपन होने के कई कारण हो सकते है, लेकिन ज़्यादातर मामलों में बांझपन होने का कसूरवार हमेशा महिलाओं को ही ठहराया जाता है | आपको बता दें बांझपन महिला और पुरुष दोनों को प्रभावित कर सकता है | कई मामलें ऐसे भी होते है, जिनमें महिला और पुरुष दोनों के ही रिपोर्ट बिलकुल ठीक होते है लेकिन फिर भी वह गर्भधारण करने में असमर्थ जो जाते है | जिसकी वजह से वह काफी निराश हो जाते है और अपनी किस्मत को कोसने लग जाते है | ऐसे में अब यह सवाल उठता है की आईवीएफ कंसीविंग में कैसे सफलता पायी जा सकती है ?
महिला और पुरुष में तुलना की जाए तो महिलाओं में बढ़ती उम्र के साथ-साथ गर्भधारण करने की संभावना काफी कम हो जाती है, क्योंकि गर्भधारण करने के लिए अण्डों की गुणवत्ता और मात्रा काफी मायने रखते है, जिनकी क्षमताओं में बढ़ती उम्र के साथ-साथ कमी आने लग जाती है | आईवीएफ के ज़रिये अधिक उम्र में भी अब गर्भधारण किया जा सकता है, लेकिन इसमें निःसंतानता होने एक कारण परिणाम भी अलग-अलग हो सकते है | आईवीएफ कंसीविंग में सफलता कई बातों पर निर्भर करती है |
विज्ञान में प्रगति होने के साथ-साथ आईवीएफ ट्रीटमेंट मेंउपयोग होने वाले तकनीकों में भी काफी प्रगति हुई है, जिसके माध्यम से अब आईवीएफ के सफलता के दर को बढ़ाने में मिल सकती है | यदि आप आईवीएफ को कंसीव करने के बाद डॉक्टर द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करते है, अपने शरीरिक और मानसिक स्वस्थ्य को स्वस्थ बनाये रखते है, अच्छे और संतुलित खानपान करते है तो इससे गर्भधारण की सफलता दर को बढ़ाने में मदद मिल सकती है | यदि आप में कोई भी दंपति पिछले एक साल से प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने के कोशिश कर रहा है और हर बार असफल हो जाता है तो इलाज लिए आप आईवीएफ ट्रीटमेंट का सहारा के सकते है | इसके लिए आप द सुमिता सोफट एंड वुमन केयर सेंटर से परामर्श कर सकते है | आइये जानते है ऐसे टिप्स के बारे में जो आईवीएफ के कंसीव के बाद सफलता दर को बढ़ाने में मदद करें :-
आईवीएफ के कंसीव के बाद इन टिप्स की मदद से सफलता का दर को बढ़ाया जा सकता है
आईवीएफ की प्रक्रिया में अंडे बनाने, निकलवाने और भ्रूण प्रत्यारोपण करने के बाद महिला को पूरी तरह से बेड-रेस्ट करने की ज़रुरत नहीं पड़ती, वह अपने रोज़मर्रा कामो को सामान्य दिनों की तरह कर सकती है | कंसीव करने के दो सप्ताह के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट किया जाता है | आप अगर बात करें सफलता दर को बढ़ाने की तो आप निम्नलिखित टिप्स का अनुसरण कर सकते है :-
- समय-समय पर दवाएं लेते रहे :- कंसीव करने के बाद डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं का समय पर सेवन करना एक महिला के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह दवाएं आईवीएफ के सफलता दर को बढ़ाने में मदद करते है |
- वजनदार सामान को न उठाएं :- आईवीएफ को कंसीव करने के बाद महिला के लिए यह बहुत ज़रूरी होता है की वह वजनदार सामान को उठाने का प्रयास न करें | ऐसा करने से आपके पेट की मांसपेशियों में दबाव पड़ता है, जिससे आईवीएफ प्रक्रिया पर बुरा असर पड़ सकता है |
- यौन संबंध बनाने से बचें :- सामान्यतः आईवीएफ प्रक्रिया के बाद एक दंपति को शारीरिक संबंध बिल्कुल नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि इससे महिला का यौनि संक्रमित हो सकती है, जिससे यह आईवीएफ के असफलता की आशंका को बढ़ सकता है |
- भारी और तेज़ गति वाले व्यायाम न करें :- आईवीएफ प्रक्रिया के बाद योग का अभ्यास या फिर हलके व्यायाम को किया जा सकता है, लेकिन अगर आप भारी और तेज़ गति वाले व्यायाम करते है तो इससे आईवीएफ प्रक्रिया में बुरा प्रभाव पड़ सकता है |
- नहाने के आईवीएफ को कोई नुकसान नहीं होता :- आमतौर पर कुछ महिलाओं को यह लगता है कि आईवीएफ प्रक्रिया के बाद उन्हें कम से कम 15 दिन तक नहीं नहाना चाहिए, क्योंकि नहाने से शरीर में ज़ोर पड़ता है | लेकिन आपको बता दें आईवीएफ प्रक्रिया का नहाने के साथ कोई लेना-देना नहीं है, आप आराम से नहा सकते है लेकिन नहाने के दौरान उठाने-बैठने की गतिविधि को कम करे |
- संतुलित भोजन का सेवन करें :- आईवीएफ को कंसीव किये हर महिला के लिए यह ज़रूरी होता है, वह अपने डाइट में संतुलित भोजन को शामिल करें, जैसे की हरे और पत्तेदार सब्ज़ियां, फल और जूस, फाइबरयुक्त खाद्य पदार्थ, विटामिन और प्रोटीन से भरपूर्ण खाद्य पदार्थ आदि शामिल करें | यह आईवीएफ के सफतला दर को बढ़ाने में मदद करते है |
- तनाव में प्रतिबंध करें :- अत्यधिक तनाव में रहने से आईवीएफ प्रक्रिया में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए कोशिश करें की अपने आसपास ऐसे स्थिति बनाएं जो तनाव में प्रबंधन लगाने में मदद करते है |
द सुमिता सोफत एंड वुमन केयर सेंटर के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर सुमिता सोफत पंजाब के बेहतरीन आईवीएफ ट्रीटमेंट स्पेशलिस्ट में से एक है, जो पिछले 30 वर्षों से बांझपन से पीड़ित मरीज़ों का सटीकता से इलाज कर गर्भधारण करने में मदद कर रही है | इसलिए आज ही द सुमिता सोफत एंड वुमन केयर सेंटर की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से संपर्क कर सीधा संस्था से भी बातचीत कर सकते है |