आईवीएफ उपचार के क्या-क्या फायदे है ?

क्या मोटे लोगों पर आईवीएफ सफल है?, आइये जानते है इसे कुछ मिथ्स एंड फैक्ट्स

आईवीएफ को कंसीव करने वाले कई महिलाओं को सफलतापूर्वक गर्भधारण करने में मदद मिल जाती है, जो कई कारणों से गर्भधारण करने में असमर्थ हो जाते है | आईवीएफ तकनिकी की मदद से आप माँ बनने के अधूरे सपने को पूरा कर सकते है | 

डॉ सुमिता सोफत हॉस्पिटल के सीनियर डॉक्टर सुमिता सोफत ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो में यह बताया कि आईवीएफ को निःसंतान दम्पतियों के लिए एक वरदान माना जाता है | हर दमपति या कपल जीवन में कभी न कभी संतान को पाने की चाहत तो रखता ही है | इन में से कुछ ऐसे दम्पति होते है जो किसी चिकित्सा कारणों की वजह से उनके माता-पिता बनने का सपना अधूरा रह जाता है | पहले के दौर में अधिकांश दम्पतियों के लिए  इस समस्या का कोई उपचार का विकल्प उपलब्ध नहीं था, लेकिन आज के दौर में अत्याधुनिक उपकरणों और विश्व-स्तरीय तकनीक के आगमन के साथ-साथ बांझपन के विशेषज्ञ की मदद से अब ऐसे अधिकांश दम्पत्तियों के माँ-बाप बनने के सपने को हकीकत में बदला जा सकता है | 

डॉक्टर सुमिता सोफत ने यह बताया कि बांझपन की समस्या किसी भी दम्पति को हो सकता है और कई मामलों में यह समस्या दोनों में ही पायी जा सकती है | बांझपन की समस्या का इलाज के लिए पहले विकल्प आईवीएफ नहीं होता, उस तक पहुंचने के लिए मरीज़ को कई तरह के प्रजनन उपचारों से गुजरना पड़ता है | आईवीएफ एक नाज़ुक और प्रकृति चिकित्सा प्रक्रिया होती है और जिसे आजकल के कई जोड़े प्रजनन संबंधी समस्याओं का इलाज करने के लिए इसका सहारा लेते है | 

आईवीएफ के लाभ इस प्रकार है :- यह प्रक्रिया तब काम आती है जब पारंपरिक उपचार असफल हो जाता है | यह समस्या का संकेत मिलने पर दान किये गए शुक्राणुओं साथ ही अंडों का का उपयोग करके गर्भावस्था की योजना बनाने के समय पर नियंत्रण रखा जा सकता है | प्री-इम्प्लांटेशन जेनेटिक टेस्टिंग के उपयोग से स्वस्थ बच्चे पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे गर्भधारण की संभावना को बढ़ावा मिलता है और गर्भपात में होने वाले जोखिम को कम करने में मदद करता है | आईवीएफ बांझपन से पीड़ित दम्पतियों के लिए पहले विकल्प हो सकता है और जिनके पारंपरिक गर्भधारण या फिर गर्भधारण का कोई विकल्प नहीं है जैसे की अनुपस्थिति गर्भशय वाले रोग, रजोनिवृति के पश्चात की महिलाये, एज़ोस्पर्मिया रोगी से पीड़ित, समान लिंग वाले दम्पति और बांझपन से पीड़ित महिला आदि है जिसकी वजह से शुक्राणु और अंडे का स्वाभाविक रूप से मिलना असंभव हो जाता है | 

यदि इससे जुड़ी कोई भी जानकारी लेना चाहते है तो आप डॉ सुमिता सोफत आईवीएफ हॉस्पिटल नामक यूट्यूब चैनल पर विजिट कर सकते है, यहाँ ओर इस टॉपिक से जुड़ी वीडियो बना कर पोस्ट की हुई है या फिर आप उनसे परामर्श भी कर सकते है | इस संस्था के डॉक्टर सुमिता सोफत इनफर्टिलिटी और आईवीएफ में स्पेशलिस्ट है, जो इस समस्या को कम करने में आपकी मदद कर सकते है |  

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