क्या है IUI ? क्यों और किस चीज़ के लिए है ?

ई.यू.ई का पूरा मतलब होता है- इंट्रा यूटेराईन इन्सेमिनेशन जो की एक प्रक्रिया उन लोगों के लिए बनी है जो बहुत समय से माँ-बाप बनने का सुख पाना चाहते हो। यह इलाज को करने की ज़रूरत उन युगलो(Couples) में पड़ती है जिनमे बांझपन(Infertility) का संकट हो और IUI की प्रक्रिया से उहने संतान का सुख मिल पाए। इस प्रक्रिया को करने में दोनों ही लिंग की ज़रूरत पड़ती है। 

किसने की इसकी शुरुआत और क्यों IUI को सबसे पहले लंदन के  “ जॉन हंटर ” नाम के एक शल्य चिकित्सक (Surgeon) ने १७९३ (1793 )में शुरू किए जिन्हे  ‘ दी फाउंडर ऑफ़ साइंटिफिक सर्जरी ’ भी काहा जाता था। भारत में सबसे पहले और दुनिया में दूसरे नंबर पर IUI का आविष्कार “ सुभाष मुकेरजी ” ने किए था। ३ अक्टूबर १९७८ भारत में सफल IUI से एक बच्ची ने जन्म लिए जिसका नाम कनुप्रिया अगरवाल था।  

क्यों पड़ी इसकी ज़रूरत IUI ने उन लोगों की निराशता को दूर किए जो सोचते थे के वह  कभी माँ-बाप नहीं बन पाएगे लेकिन अब इसके आविष्कार से किसी को भी यह दुःख नहीं देखना पड़ेगा। अगर युगल में एक जाने को ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी वायरस(HIV), वीट एलर्जी , थाइरोइड आदि की दिक्कत हो तो भी वह IUI की मदद से सुख पा सकता है। 

IUI करने का तरीका IUI एक औरत को गर्भवती बनने का अवसर दे देता है, जिसके गर्भाशय(uterus)में एक खास बनाया शुक्राणु (sperm) इंजेक्ट किए जाता है और वहां से ही बच्चे  का विकास होता है। यह प्रक्रिया होने के बाद औरत को २ हफ्तों के बाद इसका परिणाम मिलता है। लेकिन पहले की सही चिकित्सा स्थितियाँ ( medical conditions) और अंडा गुणवत्ता(egg quality) से ही परिणाम सकारात्मक(positive) आ सकता है। 

कितना समय और पैसा लगता है IUI किसी प्रकार से महंगी नहीं है। इस पूरी प्रक्रिया पर लगभग पचास हज़ार से लाख रुपए लगते है जिसमे टेस्ट्स, डॉक्टर को मिलने की फीस और आखरी तक क दिन का खर्चा होता है। IUI प्रक्रिया का शुरू से आखरी तक का कुल समय २८ दिनों का होता है जिसे एक नियमित मासिक धर्म के बराबर भी कहा जाता है। 

IUI के प्रकार मुख्य रूप से IUI चार प्रकार के होते है- अंतर्गर्भाशयी (गर्भाशय के अंदर),इंट्रासर्विकल(गर्भाशयग्रीवा-(cervix)),अंतर्गर्भाशयी ट्यूबोपरिटोनिएलिन(फैलोपियन ट्यूब में ),इंट्राट्यूबल( फैलोपियन ट्यूब में शुक्राणु का छिड़काव ) जिस में से अंतर्गर्भाशयी  सबसे अच्छी है। 

IUI के फायदे जितना है यह मुश्किल इसे दूसरी ओर है उतने फायदे:-

  • IVF और ICSI से कम महंगा
  • शरीर पर कम तनाव 
  • शुक्राणु दाता को फायदा
  • कम समय में परिणाम 
  • सर्वाइकल मरीजों के लिए फायदेमंद

IUI के कुछ नुकसान- जो के गंभीर नहीं है 

  • संक्रमण(Infection) होने का डर 
  • एकाधिक गर्भाशय(Multiple Pregnancy) का मौका 
  • हल्की ब्लीडिंग होना 

कुछ  सावधानियां जिससे आप का ही भला होगा:-

  •  ज़ोरदार कसरत न करना 
  •  स्वस्थ भोजन खाना 
  •  ज्यादा गर्म पानी से मत नहाए 
  •  शराब या बीड़ी का प्रयोग न करे 
  •  पानी ज्यादा पिए 
  •  आहारविद्या (Dietician) से अपने शरीर के हिसाब से डाइट ले 
  •  जितना हो सके आराम और रिलैक्स रहे 
  •  योग का प्रयोग करें 

सफलता दर गर्भवती होने का मौका कम होता रहता है जैसे जैसे उम्र बढ़ती है। IUI का सफलता होना अलग-अलग महिलाओं की उम्र पर निर्भर करता है जैसे:-

महिलाए जो ४० वर्ष से कम होती है उनका ५०% मौका होता है गर्भवती होने का। 

IUI डॉक्टरों की सफलता ज्यादा बेहतरीन परिणाम आते है IUI से जब शुक्राणु डोनर से लिए जाता है। १० में से ६-७ IUI  महिलाए को गर्भवती होने का उपहार प्राप्त होता है। बाकी जो रह जाते है उन्हें IVF और ICSI का सोचना चाहिए।