पुरुष बांझपन के महिलों की उपेक्षा बहुत कम कारक होते है | महिलाओं में बांझपन के बहुत कारक हो सकते है , क्यूंकि प्रजनन का जायदा हिस्सा महिला की और से किया जाता है | जबकि पुरुष में सिर्फ तीन ही कारण हो सकते है क्यूंकि प्रजनन में पुरुष का हिस्सा बहुत कम् होता है|
पहला तो यह है की पुरुष के वीर्य में शक्राणुओं की उपलब्धता बहुत कम है , या आप यु कह सकते है की पुरुष प्रजनन के सक्षम नहीं है | महिला पूरी तरह से ठीक है और उपजाऊ (प्रजनन में सक्षम ) है | पुरुष में शक्राणुओं की उपलब्धता कम होने के कारण वह महिला के अंडे में प्रवेश नहीं कर सकता |
दूसरा कारण यह है की पुरुष में शक्राणु तो है लेकिन उनकी गुणवत्ता अच्छी नहीं है | अच्छी गुणवत्ता के शक्राणु गतिशील होते है और महिला के गर्भधराम में प्रवेश करते ही वह खुद–ब–खुद अंडे तक पहुंच जाते है | अगर पुरुष के शक्राणु अच्छी गुणवत्ता के नहीं है तो वो कम गतिशील होंगे और फिर उनमे इतनी क़ाबलियत भी नहीं होगी की वह अंडे तक पहुंच सकें और भ्रूण बनाने में अपना योगदान से सकें |
तीसरा कारण है की अगर शकरणुओं की गुणवत्ता भी अच्छी है और उपलब्धता भी बहुत है तो इस स्थिति में एक ही कारण बचता है की पुरुष के प्रजनन अंग के अंदर शकरुणों के परिवहन पर कोई रोक है | पुरुष के किसी चोट के कारण , किसी शल्य–चिकत्सा के कारण या फिर किसी और किसम के दवाब के कारण नलिकों में रुकावट पड़ती है | संकलन के समय शक्राणु बहार नहीं आ पते और पुरुष को बाँझपन की समस्या पेश आती है |
यह तीन कारण ऐसे है जो जायदातर देखने को मिलते है | इनके इलावा कई ऐसे और कारण भी है जो बहुत कम लोगों में देखने को मिलते हैं |
– पारिवारिक कारण – कई मामलों में परिवारों में किसी हार्मोन समस्या के कारण बाँझपन की समस्या सभी पुरषों में होती है | इसका उपकाहर काफी लम्बा होता है |
– पौरुष ग्रंथि जिस के अंदर वीर्य संग्रह / एकत्रित किया जाता है , उस के अंदर किसी विकार के कारण पुरुष संखलान के समय पीड़ा मेहसूस करता है और पूरी तरह से संखलित नहीं हो पाता |
– पुरुष नसबंदी – अगर पुरुष की नसबंदी की हुई है तो वह पक्के तौर पर बाँझ बन चूका है | उसके शल्य–चिकत्सा के बाद भी बहुत कम मौके है की वह पिता बन सकेगा |
– समय से पहले या बहुत जल्दी संखलित हो जाना , यह भी बाँझपन का एक बड़ा कारण है और इसे शीघ्रपतन भी कहा जाता है |
– अगर पुरुष के प्रजनन अंग में शक्राणुओं बिलकुल भी नहीं है और या फिर वह तनाव पाने में ही असमर्थ है इसके कारण भी गर्भधरण ने समस्या आ सकती है |
– अनियमित संभोग – महिला के कुछ खास दिन होते है जिनमे गर्भधारण के मौके होते हैं , अगर पुरुष उन दिनों में सम्बन्ध नहीं बनता तो वह गर्भधारण करने में असफल रहता है |
– रीड की हड्डी की चोट पुरुष प्रजनन पर बहुत बुरा असर करती है , जायदातर मामलो में तो पुरुष सम्भोग के सक्षम ही नहीं रहता |
– पहले की किसी बड़ी चिकत्सा के कारण भी पुरुष की प्रजनन शक्ति पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है | अगर कोई दवाई अपना उल्टा परभाव दिखा दे तो भी पुरुष की प्रजनन शक्ति खतरे में पड़ सकती है | इनसे खास सावधानी बरतने की जरूरत होती है |
उपचार –
जितनी जल्दी हो सके किसी अच्छे चिकत्सक से सम्पर्क करना किये क्यूंकि समय पर उपचार अच्छे नतीजे प्रदान करता है | सबसे पहले चित्सक आपको काफी सारे टेस्ट करवाने को बोलेगा , जिससे पता लगया जा सकेगा की समस्या कहाँ पर है और वयक्ति को किस करण से बाँझपन का रोग है | उसके बाद वह यह तय करेगा की किस तकनीक से आपका उपचार होगा |
– सबसे पहले आपके शरीरक परीक्षण किया जायेगा की आपके शरीर की प्रजनन समस्या क्या है , या आपको किस कारण से बाँझपन का रोग है | इसके साथ ही आपके परिवार का चिकत्सा का इतहास भी पूछा जायेगा की आपके परिवार में से किसी को ऐसी समस्या थी या नहीं . क्यूंकि इस समस्या में परिवारिक करण बहुत प्रभाव रखते है | किसी प्रकार की पुराणी चोट या अन्य बड़ी चिकत्सा के बारे मे भी जानकारी ली जाएगी |
– वीर्य परीक्षण – इसमें देखा जायगा की अपने वीर्य की गुणवत्ता कैसी है | वीर्य की गुणवत्ता एक खास कारण है , जो मर्दों को बाँझ बनता है |
– शक्राणुओं की गति–शीलता और योग्यता खोजने के बाद आपकी अल्ट्रसाउंड करके शरीर के अंदर से प्रजनन अंगों की जानकारी ली जाएगी | उनमे किसी प्रकार के विकार , दवाब और चोट अदि के बारे में विस्तार से अध्यन किया जायेगा |
– हॉर्मोसन की जेकरि और उनके कम करने की योग्यता को परखने के लिए रक्त को की परीक्षित किया जाएगा | रक्त के परीक्षण से अनुवांशिकी बिमारियों का भी पता चल सकगा |