आजकल की तेज रफ़्तार वाली जिंदगी ने जहाँ इंसान को बहुत कुछ दिया हैं वही स्वस्थ्य का नुकसान भी किया है | सफलता की चाह में आजकल लोग अपने स्वस्थ्य की परवाह किये बिना लम्बे समय तक काम करते हैं , शाद्दी बहुत देर से करते है और शाद्दी के बाद बच्चे के बारे में फैसला लेने के लिए भी बहुत समय लगाते है | इन सब कारणों, अस्वस्थ्य भोजन और कई अन्य कारकों की वजह से बच्चा पैदा करने में मुश्किल पैदा हो जाती है | शरीर में आयु की वजह से कई बदलाव होते है और वह बच्चा पैदा करने के काबिल नहीं रहते |
इन सबके विपरीत कई और भी कारन है जो बाँझपन का कारन बनते है | जैसे की नशे की आदत, वाव्याम की कमी, शरीरिक कमजोरी, किसी दवा का जायदा इस्तेमाल या गलत असर, प्रदूषण व् तनाव |
बाँझपन की समस्या मर्द और औरत दोनों में हो सकती है | मर्दों के बाँझपन की समस्या का मुख्या कारण शक्राणुओं में कमी या इनका खतम होना है | मर्दों के मुकाबले में महिलाओं में बाँझपन की समस्यें जायदा होती है | महिलाओं के फॉलोपियन नलिका का क्षतिग्रस्त होना, अंडे का पैदा न होना, अंडे की खराब गुणवत्ता, बच्चेदानी में दोष व् माहवारी के दिनों में विभिन्ता अदि कई कारण है जो बाँझपन को जनम देते है |
बाँझपन का उपचार –
बाँझपन के उपचार की बहुत सी तकनीकें आज उपलब्ध है | अगर आप १२ महीने या इससे भी लम्बे समय तक बच्चा पैदा करने में असफल रहते है तो आपको चिकत्सक के परामर्श को जरूरत है | आपकी समस्या का अध्यन करने के बाद चिकत्सक आपको सही तकनीक के बारे में बताएगा जो आपके लिए प्रभावी हो |
अगर सबसे प्रभाव और उच्चतम तकनीक की बात की जाये तो वह आईवीऍफ़ तकनीक है | इस तकनीक की मदद से आप बहुत से बाँझपन कारणों का उपचार क्र सकते है | अनुभवी चिकत्सक व् आईवीऍफ़ तकनीक मदद से आप अपना बच्चा प्राप्त क्र सकते है | चिकत्सक मर्द के शरीर से शक्राणु और महिला के शरीर से अंडे लेकर प्रयोगशाला में भ्रूण बनाने की कार्यवाही शुरू करता है | भ्रूण बनने के बाद उसके बिमारियों की परख की जाती है | इस तकनीक की मदद सी बच्चे को होने वाली अनुवंशकी बिमारियों का पता लगा क्र उनके दूर भी किया जा सकता है |
भ्र्रूण बनने के बाद उसे महिला के गर्भशय में स्तननान्त्रित किया जाता है और उसके बाद बच्चे का कुदरती विकास होता है | अगर आप भी भारत में आईवीऍफ़ उपचार करवाने के रुचि रखते है तो आपको बहुत कम कीमत पर अच्छा उपचार मिल सकता है |