क्या इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) बीमा के अंतर्गत आते है या नहीं ?

आईवीएफ (IVF) का उपचार करवाना कब कारीगर माना जाता हैं

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IVF जिसे इन विट्रो फर्टिलाइजेशन के नाम से जाना जाता है, और ये उपचार बांझपन का सामना कर रहीं महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। वहीं इस उपचार को लेकर बहुत से लोगों के मन में ये बात घूमती है की क्या ये उपचार बीमा के अंतर्गत आते है या नहीं, तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानने की कोशिश करते है की क्या IVF बीमा से संबंधित है या नहीं ;

क्या है इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) ?

  • आईवीएफ (IVF), को इन विट्रो फर्टिलाइजेशन के नाम से जाना जाता है, और यह एक विशेष प्रक्रिया है, जिसके द्वारा उन व्यक्तियों या कपल्स की सहायता की जा सकती है, जो प्राकृतिक रूप से बच्चे को जन्म देने में असमर्थ होते है। 
  • वहीं ऐसे कपल्स आईवीएफ के द्वारा संतान प्राप्ति का सुख प्राप्त कर सकते है। इस प्रक्रिया को शरीर के बाहर एक प्रयोगशाला में किया जाता है। और प्रयोगशाला में अंडों और शुक्राणु को मिलाया जाता है, जिससे बच्चे के जन्म की शुरुआत होती है। 
  • वर्तमान समय में आईवीएफ प्रक्रिया काफी लोगों के लिए सहायक सिद्ध हुई है, जो अन्य उपचार प्रक्रिया के संबंध में सफल नहीं होते है। IVF प्रक्रिया फैलोपियन ट्यूब की समस्याओं, एंडोमेट्रियोसिस, शुक्राणु की कम गिनती और अन्य प्रजनन समस्याओं के लिए एक उपयुक्त विकल्प साबित हो सकता है।

अगर आप प्राकृतिक रूप से संतान प्राप्त करने में असमर्थ है, तो इसके लिए आपको लुधियाना में बेस्ट आईवीएफ सेंटर का चयन करना चाहिए।

भारत में आईवीएफ (IVF) की सफलता दर कितनी है ? 

  • भारत में, आईवीएफ यानि (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) की सफलता दर वर्तमान में 70% से 80% के बीच है, जो कि एक अच्छी दर है। हमारा मुख्य उद्देश्य इस सफलता दर को निरंतरता के साथ बढ़ाना है। हालांकि, महत्वपूर्ण बात यह है कि आईवीएफ की सफलता दर विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है। जैसे ;
  • सबसे महत्वपूर्ण कारक महिला की उम्र है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उम्र के साथ प्रजनन क्षमता थोड़ी कमजोर हो जाती है। आमतौर पर, युवा महिलाओं में आईवीएफ प्रक्रिया की सफलता दर बहुत अच्छी होती है। प्रजनन संबंधी समस्या आईवीएफ की सफलता को प्रभावित करने वाला एक और प्रमुख कारण है। 
  • इसके अतिरिक्त कुछ अन्य कारक है, जैसे फैलोपियन ट्यूब का बंद होना या एंडोमेट्रियोसिस, जो आईवीएफ की सफलता दर को प्रभावित कर सकते है। आईवीएफ प्रक्रिया में उपयोग किए जाने वाले अंडे और शुक्राणु की गुणवत्ता भी परिणाम के संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • गर्भाधान का चिकित्सा इतिहास भी इस स्थिति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। यदि महिला ने पहले गर्भधारण करने का प्रयास किया है और वह सफल नहीं रही है, तो इससे प्रक्रिया की सफलता दर भी प्रभावित हो सकती है। समग्र रूप से, आईवीएफ की सफलता कई कारकों से प्रभावित हो सकती है, इसलिए आईवीएफ उपचार से पहले अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से इस संबंध में पूर्ण जानकारी जरूर प्राप्त करें।

क्या IVF को बीमा के अंतर्गत माना जाता है ?

  • इन विट्रो फर्टिलाइजेशन या आईवीएफ एक चिकित्सकीय रूप से आवश्यक उपचार नहीं है, और इसलिए, इसकी लागत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी या मेडिक्लेम के अंतर्गत शामिल नहीं है। 
  • वहीं आमतौर पर आईवीएफ कराने वाले जोड़ों या व्यक्तियों को इलाज का पूरा खर्च खुद ही उठाना पड़ता है। लेकिन, चूंकि आईवीएफ एक महंगा उपचार है, इसलिए कुछ बीमाकर्ताओं ने इसके लिए एक निश्चित मात्रा में कवरेज प्रदान करना शुरू कर दिया है। 
  • वहीं जैसे की इस इलाज के लिए कोई बीमा उपलब्ध नहीं है इसलिए इसका उपचार कुछ हॉस्पिटल या सेंटर में कम रेट में किया जाता है। जिसको कोई भी जोड़े आसानी से करवा सकते है।

IVF को बीमा के तहत कवर क्यों नहीं किया जाता है ?

  • IVF को बीमा के तहत इसलिए कवर नहीं किया जाता, क्युकी स्वास्थ्य बीमा या मेडिक्लेम की पॉलिसियाँ गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों से पीड़ित रोगियों के लिए काफी फायदेमंद हो सकती है, लेकिन महंगे उपचार का खर्च वहन नहीं कर सकते। 
  • वे उपचार के विभिन्न पहलुओं के लिए कवरेज प्रदान करते है, जिनमें अस्पताल में भर्ती होने का खर्च, उपचार से पहले और बाद की लागत, डेकेयर प्रक्रियाओं की लागत, आईसीयू शुल्क आदि शामिल है। 
  • लेकिन, बीमा कवरेज आमतौर पर केवल चिकित्सकीय रूप से आवश्यक उपचार के मामले में ही दिया जाता है। जो चीज़ आम तौर पर बीमा के लाभों के अंतर्गत शामिल नहीं होती वह है बांझपन देखभाल।
  • हालाँकि, अब कुछ बीमाकर्ताओं ने आईवीएफ सहित कुछ बांझपन उपचारों के लिए बीमा कवरेज की पेशकश शुरू कर दी है। इस कवरेज में संपूर्ण आईवीएफ उपचार की लागत, आईवीएफ का एक चक्र, हार्मोनल मूल्यांकन या चिकित्सा परीक्षण की लागत, ओटी के खर्च आदि शामिल हो सकते है। इन बीमाकर्ताओं द्वारा प्रदान किया जाने वाला कवरेज अलग-अलग हो सकता है, इसलिए रोगियों को स्पष्ट जानकारी लेनी चाहिए पॉलिसी खरीदते समय। 
  • लोगों के बीच इसकी बढ़ती मांग के कारण कंपनियों ने बांझपन उपचार के लिए कवरेज प्रदान करना शुरू कर दिया है। यह प्रक्रिया उन जोड़ों और व्यक्तियों को माता-पिता बनने का अनुभव कराने में मददगार साबित होती है, जब वे स्वाभाविक रूप से गर्भधारण नहीं कर पाते है।

पंजाब में आईवीएफ ट्रीटमेंट की लागत और बीमा पॉलिसी के बारे में जानने के बाद ही आप इस ट्रीटमेंट का चयन अपने लिए करें।

IVF के लिए बेस्ट सेंटर !

आप सही रेट और अनुभवी डॉक्टरों की मदद से इस उपचार को डॉ सुमिता सोफ़त आईवीएफ अस्पताल से भी करवा सकते है। पर जैसा की हमने बताया की बीमा पॉलिसी कुछ हॉस्पिटल या सेंटर में ही लागु की गई है, इसलिए ये बीमा पॉलिसी इस सेंटर में मौजूद नहीं है लेकिन हां यहाँ पर कम रेट में मरीज का इलाज किया जाता है, और इस सेंटर में इलाज के बदौलत महिलाओं ने संतान प्राप्त भी किया है। 

निष्कर्ष :

जैसा की आपने उपरोक्त जाना की IVF की मदद से आप संतान प्राप्त आसानी से कर सकते है और साथ ही IVF के जरिये बीमा पॉलिसी के बारे में भी जानकारी हासिल की। वहीं बीमा पॉलिसी का प्रबंध हर जगह नहीं है इसके बारे में भी आपने जाना, तो जरूरी है की अगर आप IVF का उपचार किसी इन्सुरेंस के बल पर करवाने जा रहें हो तो कृपया इन्सुरेंस की सब जानकरी लेने के बाद की इसका चयन करें। 

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