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सुबह की सैर और कुछ नहीं, बल्कि बड़ी कंकालीय मांसपेशियों की एरोबिक गतिविधि है, जो लयबद्ध और गतिशील होती है और इसके कई फायदे हैं। दरअसल यह शरीर को स्वस्थ और सक्रिय रखती है। टहलना आमतौर पर एक प्राकृतिक, सुविधाजनक गतिविधि है, जिसके लिए किसी हुनर या फिर उपकरण की आवश्यकता नहीं होती। वास्तव में, सुबह की सैर लगभग सभी लोगों को करनी चाहिए, क्योंकि यह शरीर की समस्याओं को कम करने में काफी ज्यादा मदद करती है। आमतौर पर, यह गर्भवती महिलाओं के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है।
इसके साथ ही गर्भावस्था के दौरान एक्टिव रहना मां और बच्चे दोनों की सेहत के लिए बहुत ज्यादा जरूरी होता है। हालांकि गर्भवती महिला को इस दौरान कोई भारी कसरत या फिर थकाने वाली फिजिकल एक्टिविटी को करने से बचना चाहिए, पर हल्की और नियमित शारीरिक गतिविधि जैसे कि सुबह की सैर गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित और फायदेमंद मानी जाती है। दरअसल यह न सिर्फ हमारे शरीर को एक्टिव रखती है, बल्कि हमारे मूड को भी अच्छा करती है, इसके साथ ही नींद को सुधारती है और गर्भावस्था के आम लक्षणों जैसे कि सूजन, थकान और पीठ के दर्द को कम करने में मदद करती है। आपको बता दें कि डॉक्टर भी गर्भावस्था के दौरान नियमित सैर करने को एक स्वस्थ अभ्यास मानते हैं। आइये इस लेख के माध्यम से डॉक्टर से इसके बारे में विस्तार से जानते हैं, कि कैसे सुबह की हल्की सैर गर्भावस्था को आसान और सेहतमंद बना सकती है और सुबह की सैर के 7 फायदे क्या हैं?
गर्भावस्था के दौरान सुबह की हल्की सैर करने से मिलने वाले 7 फायदे
1. मूड स्विंग्स से राहत मिलती है
गर्भावस्था के दौरान आमतौर पर महिलाओं के हार्मोनल बदलाव की वजह से उनका मूड बार-बार बदलता रहता है। दरअसल गर्भावस्था में सुबह की ताजी हवा में सैर करने से दिमाग को ऑक्सीजन मिलती है और तनाव के लक्षण बहुत कम होते हैं। आमतौर पर इस से मूड ताजा रहता है और इसके साथ ही डिप्रेशन या एंग्जाइटी की संभावना भी कम होती है।
2. नींद की क्वालिटी बेहतर होती है
दरअसल महिला को गर्भावस्था के दौरान अनिद्रा की समस्या होना आम बात होती है। आमतौर पर सुबह की सैर से शरीर थकता है और मानसिक शांति मिलती है। जिसकी वजह से रात को आराम वाली और गहरी नींद आती है। इस से एक महिला का शरीर जल्दी रिकवर करता है और शरीर में एनर्जी बनी रहती है।
3. डिलीवरी की प्रक्रिया आसान बनती है
बता दें कि गर्भावस्था के दौरान नियमित सैर करने से महिलाओं की पेल्विक मसल्स मजबूत होती हैं, जिसकी वजह से महिला की नॉर्मल डिलीवरी की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है। और इसके साथ ही प्रसव के दौरान दर्द और वक्त भी कम लग सकता है।
4. ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है
सुबह की सैर हमारे शरीर के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होती है। गर्भावस्था के दौरान सुबह की सैर से महिलाओं के शरीर में ब्लड फ्लो बेहतर होता है। इसके कारण प्लेसेंटा तक पोषक तत्व अच्छी तरह पहुंचते हैं और इसके साथ ही बच्चे का विकास सही तरीके से होता है।
5.वज़न नियंत्रित रहता है
आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान एक महिला का वजन बढ़ना आम बात है, पर अगर यही वजन जरूरत से ज्यादा हो जाये तो एक महिला के लिए समस्या बन सकता है। दरअसल सुबह की सैर कैलोरी बर्न करने में काफी ज्यादा मदद करती है और इसके साथ ही वजन को कंट्रोल में रखती है।
6. डायबिटीज और ब्लड प्रेशर से बचाव करता है
आपको बता दें कि सुबह की सैर ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को संतुलित करने में काफी मदद करती है। इसकी वजह से गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को होने वाली हाई बीपी की समस्या या जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा कम होता है।
7. बैक पेन और सूजन से राहत मिलती है
सुबह की सैर करने से लोगों के शरीर में फ्लूइड रिटेंशन कम होता है और इसके साथ ही शरीर में ब्लड फ्लो सुधरता है, जिसकी वजह से महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान होने वाली पैरों की सूजन और पीठ दर्द से काफी ज्यादा आराम मिलता है। सुबह की सैर आमतौर पर रोजाना के कामों को आसान बना देती है।
निष्कर्ष
सुबह की सैर तन और मन दोनों के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होती है।
इसको अपनी दिनचर्या में शामिल करना लाभदायक होता है। यह सभी उम्र के लोगों के लिए एक आदर्श उपाय है। यह एक प्राकृतिक, सुविधाजनक गतिविधि है, जिसके लिए किसी हुनर या उपकरण की जरूरत नहीं होती। सैर करने से सेहत ठीक और शरीर एक्टिव रहता है। यह गर्भवती महिलाओं के लिए काफी लाभदायक और सुरक्षित होती है, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान महिला का एक्टिव रहना, उसके और उसके बच्चे दोनों की सेहत के लिए काफी ज्यादा जरूरी होता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को सुबह की सैर करनी चाहिए। इस से गर्भवती महिलाओं को कई तरह के फायदे मिलते हैं, जैसे नींद की क्वालिटी बेहतर होती है, ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है, मूड स्विंग्स से राहत मिलती है, डिलीवरी की प्रक्रिया आसान बनती है, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर से बचाव करती है, इससे वज़न नियंत्रित रहता है और बैक पेन और सूजन से राहत मिलती है आदि। हालांकि इस दौरान महिला को भरी कसरत या थकाने वाली फिजिकल एक्टिविटी को बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। अगर गर्भवती महिला को कोई मेडिकल समस्या नहीं है, तो वह डॉक्टर की सलाह से रोजाना 20 से 30 मिनट तक के लिए सुबह की सैर को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करना चाहिए और इसके फायदों का आनंद लेना चाहिए। अगर आपको भी इसके बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करनी और इस को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना चाहते हैं, तो आप आज ही सुमिता सोफत अस्पताल में जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते और इसके विशेष ज्ञान से इसके बारे में जानकारी ले सकते हैं।





