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नींद और IVF के बीच संबंध : क्या कम नींद शरीर और IVF की सफलता को प्रभावित करती है ? जाने इससे निपटने के सुझाव

नींद और IVF के बीच संबंध : क्या कम नींद शरीर और IVF की सफलता को प्रभावित करती है ? जाने इससे निपटने के सुझाव

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इस बात को सभी जानते हैं कि स्वास्थ्य के लिए एक अच्छी और गहरी नींद को लेना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। जब व्यक्ति रोज़ अच्छी और गहरी नींद लेता है तो इससे उसके शरीर के सभी अंग बिलकुल सही तरिके से काम करते हैं। इससे वह किसी भी प्रक्रिया में भाग लेने योग्य होता है। अच्छी नींद लेने के बाद व्यक्ति अच्छा और फ्रेश महसूस करता है। क्या आप इस बात को जानते हैं कि नींद को IVF प्रक्रिया से भी जोड़कर देखा जाता है। जानते हैं IVF और नींद के बीच आखिर क्या संबंध है ?

IVF और नींद के बीच में संबंध  

आमतौर पर, जब अच्छी नींद आती है, तो आपका शरीर सही तरीके से काम करता है, और जिसका IVF पर भी बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। इसी तरह, गर्भावस्था के दौरान भी महिला को अच्छी नींद लेने की सलाह दी जाती है। महिला के गर्भ में पल रहे शिशु का इससे मानसिक और शारीरिक विकास पर सकारात्मक असर पड़ता है। इसलिए अच्छी और गहरी नींद लेना  IVF प्रकिरिया के दौरान बहुत ज़्यादा जरूरी होता है। यह इसलिए भी जरूरी होता है, क्योंकि IVF प्रकिरिया बहुत ज्यादा गुंजालदार होती है, और इसकी सफलता और असफ़लता के पीछे कई तरह के कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। IVF में चिंता, अवसाद और नींद की गड़बड़ी एक आम शिकायतें हैं। 

सभी अच्छे तरिके से जानते है कि नींद की कमी आपके मूड और उत्पादकता पर नकारात्मक प्रभाव डालती है, लेकिन यह उन हार्मोनो को भी प्रभावित कर सकता है जिनको एक महिला अपने पूरे चक्र के दौरान छुपाती है। अध्ययनों से पता चलता है, कि एक महिला का अच्छी नींद लेने से उस द्वारा पैदा किये गए प्रजनन हार्मोन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, प्रोजेस्टेरोन, एस्ट्रोजन, लेप्टिन और फॉलिकल-स्टिमुलेटिंग हार्मोन इसमें शामिल हैं। यदि कोई भी महिला IVF के माध्यम से गर्भधारण करने की उम्मीद कर रही है, तो इस बात को सुनिश्चित करना और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है कि आपको अच्छी गुणवत्ता वाली नींद मिले। दरअसल अमेरिकन सोसाइटी फॉर रिप्रोडक्टिव मेडिसिन के अध्ययन के अनुसार पता चला है की, जो महिलाएं कम गुणवत्ता वाली नींद लेती हैं, उनमें  प्रजनन दर उन महिलाओं की तुलना में काफ़ी कम देखी गयी है, जो हर रात सात से आठ घंटे की नींद को लेती हैं।

इसे भी पढ़ें: IVF प्रक्रिया के दौरान सिर दर्द और मानसिक तनाव होना क्या सामान्य है? डॉक्टर से जाने।

कम नींद के शारीरिक प्रभाव

आम तोर पर नींद की अगर लगातार कमी बनी रहती है तो ये कई अलग-अलग तरीकों से व्यक्ति के शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे ही कुछ तरीके जो लगातार नींद की कमी के कारण आपके जीवन को प्रभावित करते हैं। 

. कम और ज्यादा समय के लिए याददाश्त की परेशानी का होना। 

. एकाग्रता में कमी होना। 

. मूडी होना 

. उच्च रक्तचाप होना 

. मधुमेह और दिल की बीमारी का खतरा अधिक बढ़ जाता है। 

. वज़न बढ़ जाता है। 

. संतुलन और समन्वय

. सेक्स ड्राइव में कमी होना। 

नींद IVF की सफलता दर को कैसे प्रभावित करती है?

आप सभी इस बात को जानते ही होंगे, कि कुछ जीवनशैली कारक IVF में गर्भ धारण करने की क्षमता पर गहरा असर डाल सकते हैं, जैसे अगर आपका वजन कम या फिर ज्यादा हो, आप खराब आहार को लेते हैं, आप धूम्रपान करते हैं, शराब पीते हैं, शारीरिक गतिविधि से बिलकुल दूरी बना कर रखते हैं और आपका स्वास्थ्य खराब है, इससे आप अपनी IVF प्रक्रिया को सकारात्मक तरीके से प्रभावित कर सकते हैं। पर नींद जैसी एक साधारण चीज़ के बारे में क्या? क्या नींद IVF प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है? और ऐसा होता है, तो कैसे?

कम नींद महिला के प्रजनन क्षमता से जुड़े हार्मोन के स्तर को बिगाड़ सकती है। इसकी ख़ोज बताती है की जो महिलाएं IVF के द्वारा गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हैं स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को उन महिलाओं के लिए नींद की सफाई के महत्व पर जोर देना चाहिए। महिलाएं अच्छी नींद लेकर, IVF के साथ अपनी सफलता की संभावना बढ़ा सकती हैं। 

IVF प्रक्रिया के दौरान कितने घंटे की नींद जरूरी होती है?

महिलाओं के लिए IVF प्रक्रिया कई तरह की चुनौतियों से भरी हुई होती है। इस प्रक्रिया रिया दौरान महिला के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का अच्छे तरीके से ध्यान रखा जाता है। ज्यादातर ऐसी चीजों के ऊपर ध्यान दिया जाता है, जो महिला के IVF प्रक्रिया की सफलतादर को और ज्यादा बढ़ा सके। जैसे की अच्छी डाइट को अपनाना और अपने सोने और जागने के पैटर्न को भी ठीक रखना आदि। यह बात IVF में बहुत ज़्यादा मायने रखती है, कि IVF प्रक्रिया के दौरान महिला कितने घंटे की नींद ले रही है। इसके दौरान महिला को कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। आईवीएफ प्रक्रिया में इस से सुधार होता है, जबकि महिला के स्वास्थ्य पर बहुत अच्छा प्रभाव डालता है। विशेषज्ञों का कहना की जब महिला एक अच्छी नींद को लेती है तो इससे उसकी फर्टिलिटी में भी बहुत ज्यादा सुधार देखने को मिलता है। जिससे कंसीव करने की संभावना बढ़ती है। मेलाटोनिन हार्मोन सही तरीके से नियंत्रित रहता है, जब महिला एक अच्छी नींद को लेती है। क्योकि ये हार्मोन महिला की नींद और रिप्रोडक्शन को प्रभावित करता है।

IVF के दौरान बेहतर नींद के लिए इन सुझावों को अपनाएं 

व्यक्ति के जीवन में कई तरह के काम होते है, उस काम को लेकर टेंशन और जिंदगी में तनाव भरा रहता है, जिसकी वजह से वह अपनी नींद को भी पूरा नहीं कर पाते हैं। बेहतर नींद के लिए आप इन सुझावों को अपनी जिंदगी में अपना सकते हैं, जैसे की 

  • हर दिन कोई न कोई एरोबिक एक्सरसाइज करें (जिससे आपके दिल की गति अस्थायी रूप से बढ़ जाये)।
  • हर रोज़ बाहर जाके 30 मिनट तक व्यायाम करने का लक्ष्य रखें। 
  • आधे घंटे तक टहलने जैसी साधारण गतिविधि को करें 
  • आप सोने का एक निश्चित समय रखें (विशेष रूप से गर्भधारण करने की कोशिश करने वाली महिलाएं) 
  • रोज़ एक ही समय पर सोना और जागने का प्रयास करें। 
  • अपने कमरे को ठंडा और उसमें अंधेरा रखें और आरामदायक नींद लें। 
  • सोने से पहले 30 मिनट तक स्क्रीन को न देखें। 
  • अपने कंप्यूटर या लैपटॉप को दूसरे कमरे की दराज में रखें।  
  • तनाव मुक्त रहें। 
  • सोने से पहले नहाएं। 
  • चाय की चुस्की लें। 
  • कोई अच्छी किताब पढ़ें। 
  • मन और दिमाग को सुकून देने वाला संगीत को सुनें। 
  • अपने मन और शरीर को कोई सुकून देने वाला तरीका खोजें जिससे आरामदायक नींद आये। 
  • सोने के 7 घंटे पहले शराब और कैफीन का सेवन को सीमित कर दें।

निष्कर्ष : महिला का अच्छी नींद न लेना IVF की सफलता दर को प्रभावित कर सकता है, इसके लिए महिला को अपनी अच्छी नींद को लेना बहुत जरूरी होता है। IVF के दौरान महिला को कम से कम  से कम 8 घंटे की नींद को लेना चाहिए। ये IVF की सफलतादर को बढ़ाता है। अगर आप भी इसके बारे में ज्यादा जानकारी लेना चाहते हैं और IVF प्रक्रिया में भाग लेना चाहते हैं तो आप आज ही सुमिता सोफत अस्पताल जाके अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हो और इसके विशेषज्ञों से इसके बारे में जानकारी ले सकते हैं।

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