आईवीएफ उपचार की मदद से बांझपन जोड़ो को संतान का सुख प्राप्त होता है इस ट्रीटमेंट की मदद से उनके घर में बच्चो की किलकारियों के गूंजने की आवाज़ भी सुनाई देने लग गई है। इसके अलावा आज के लेख में हम बात करेंगे की आखिर इस ट्रीटमेंट से महिलाओं का माँ बनना कितने समय में संभव है, तो वही इस ट्रीटमेंट के बारे में सम्पूर्ण जानकारी भी आपके साथ सांझी करेंगे ;
क्या है आईवीएफ ट्रीटमेंट ?
आईवीएफ ट्रीटमेंट निसंतान जोड़ो के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
इन–विट्रो फर्टिलाइजेशन, या आईवीएफ प्रजनन उपचार यानि फर्टिलिटी ट्रीटमेंट है जो कि उन लोगों के लिए बना हैं जो बच्चा पैदा करने में असमर्थ होते है।
वही आईवीएफ प्रक्रिया में एक महिला के अंडाशय से अंडे प्राप्त करना और पुरुष के शुक्राणु के साथ कृत्रिम रूप से उन्हें निषेचित करना शामिल है। निषेचित अंडे को भ्रूण के रूप में जाना जाता है। और इसी भ्रूण को महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है।
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आईवीएफ ट्रीटमेंट से गर्भ धारण में कितना समय लगता है ?
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) प्रक्रियाओं की एक जटिल श्रृंखला है जिसका उपयोग प्रजनन क्षमता में मदद करने या आनुवंशिक समस्याओं को रोकने और बच्चे का जन्म अच्छे से हो सके इसके लिए किया जाता है।
इसके बाद आईवीएफ के दौरान, अंडाशय से परिपक्व अंडे एकत्र किए जाते हैं और एक प्रयोगशाला में शुक्राणु द्वारा निषेचित किए जाते हैं। फिर निषेचित भ्रूण या अंडे को गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है।
आईवीएफ के एक पूर्ण चक्र में लगभग “तीन सप्ताह“ लगते हैं। कभी–कभी ये चरण अलग–अलग भागों में विभाजित हो जाते हैं और इस प्रक्रिया में अधिक समय लग सकता है।
तो वही आईवीएफ का उपयोग करके एक स्वस्थ बच्चा होने की आपकी संभावना कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि आपकी उम्र और बांझपन का कारण।
इसके अलावा यदि आपके डॉक्टर एक या एक से अधिक भ्रूण को गर्भाशय में स्थानांतरित करते है, तो आईवीएफ के परिणामस्वरूप एक से अधिक भ्रूण हो सकते हैं।
यदि आप भी आईवीएफ ट्रीटमेंट के जरिये गर्भवती होना चाहती है तो पंजाब में आईवीएफ सेंटर का चयन करें।
आईवीएफ उपचार के बाद की क्या प्रक्रिया है ?
इसमें पहली प्रक्रिया में 12 दिनों के बाद, आप अपना पहला गर्भावस्था परीक्षण करवा सकते हैं। यदि यह सकारात्मक है, तो डॉक्टर आपको दूसरे गर्भावस्था परीक्षण के लिए फिर बुलाएंगे।
तो वही दूसरी प्रक्रिया में प्रेग्नेंसी टेस्ट किया जाता है। यह रिपीट टेस्ट पहले पॉजिटिव टेस्ट के एक हफ्ते के अंदर किया जाता है। यदि यह सकारात्मक है, तो डॉक्टर आपको 2-3 सप्ताह के बाद अल्ट्रासाउंड के लिए शेड्यूल करेंगे।
निष्कर्ष :
यदि आप भी आईवीएफ के जरिये अपना उपचार करवाना चाहती है, तो इसके लिए बेस्ट डॉक्टर का चयन करें और उपरोक्त बातों का ख़ास ध्यान रखे।