डॉ. सुमिता सोफत: स्थानीय रोज़ गार्डन के नजदीक स्थित डॉ सुमिता सोफत अस्पताल की वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ सुमिता सोफत ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा की टेस्ट ट्यूब के उपचार में नई वृद्धि की मदद से अब बार बार आईवीएफ के असफल होने के चलते मायूस बेऔलाद जोड़े भी अपनी संतान का सुख हासिल कर सकते है उन्होंने बताया की अब नयी तकनीकों से ऐसा सम्भव हो गया है।
बांझपन सेव् पीड़ित महिलाये भी अपनी संतान होने का सपना पूरा कर सकती है। एम्स के एक अध्यन के अनुसार भारत में आईवीएफ सफलता दर ३० से ३५ फीसदी है इस दर को नयी तथा उन्नत तकनीक से बढ़ाया भी जा सकता है जिसमे इंट्रासाइटोप्लास्मिक स्पर्म इंजेक्शन आईवीएफ , टेस्सा , लेज़र हैचिंग , ब्लास्टोसिस्ट, टाइम लैप्स तथा एम्ब्रो मॉनिटर जैसी तकिनके शामिल है। इन तकनीकों द्वारा सफलता दर को ओर बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने बताया की इन उन्नत तकनीकों के द्वारा शुक्राणु का चयन करना और आसान हो गया है।