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आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान इन 5 हर्ब्स का न करें इस्तेमाल, वरना हो सकता है नुकसान

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IVF प्रक्रिया काफ़ी जटिलताओं से भरी होती है। जब महिलाओं में एंब्रियो ट्रांसफर होता है, तो उसके अंडों की गुणवत्ता पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है, और इस प्रक्रिया दौरान महिलाओं को कई तरह के इंजेक्शन भी लगाए जाते हैं, इसके अलावा महिला को अगर किसी भी तरह की कोई भी शारीरिक समस्या या एंडियोमेट्रियोसिस, फाइब्रोसिस या ट्यूबल ब्लॉकेज है तो उस पर भी गौर किया जाता है। ऐसा नहीं होता है की सिर्फ महिला के ही एग्स की क्वालिटी पर फोकस किया जाता है इस प्रकिरिया में दोनों की अहम् भूमिका होती है, पुरुषां के स्पर्म की क्वालिटी, स्पर्म मोटिलिटी आदि फैटर्स भी आईवीएफ की सफलता दर पर प्रभाव डालते हैं। इस लिए महिलाओं के लिए ये बहुत ही जरूरी होता है की वह जब भी IVF ट्रीटमेंट करवाने की तयारी करें तो सबसे पहले अपने लाइफस्टाइल और डाइट को हेल्दी रखें। इससे IVF की सफलता दर बढ़ जाती है। 

जो भी IVF ट्रीटमेंट करवाता है उसको ये जानकारी लेना बोहत ही जरूरी होता है की आईवीएफ ट्रीटमेंट में किस तरह के हर्ब्स यानी जड़ी-बूटियों का सेवन हानिकारक हो सकता है?  

आईवीएफ प्रक्रिया  के दौरान न सिर्फ डाइट का ध्यान रखना चाहिए, बल्कि यह भी जानकारी होनी चाहिए कि किस तरह के हर्ब्स को नहीं लेना चाहिए, कि किस तरह के हर्ब्स आईवीएफ ट्रीटमेंट में बाधा डाल सकते हैं। 

आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान किन हर्ब्स का इस्तेमाल नहीं करना 

1.अश्वगंधा 

आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान अश्वगंधा का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। ज़्यादातर अश्वगंधा का उपयोग तनाव को कम करने के लिए किया जाता है, और आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान तनाव होना एक सामान्य सी बात है। दरअसल आईवीएफ ट्रीटमेंट में हार्मोन का स्तर बहुत ज्यादा मायने रखता है, और अश्वगंधा हार्मोन के स्तर को प्रभावित कर सकता है, जिसका प्रजनन क्षमता पर बुरा असर पड़ सकता है। इन चीजों के आलावा अश्वगंधा दवाओं के असर को भी कम करता है, इसलिए ये अच्छा रहेगा की महिला को आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान अश्वगंधा का सेवन न करें। 

2. शतावरी

शतावरी को बहुत ही उपयोगी जड़ी बूटी माना जाता है, ये महिअलों की कई बिमारिओं को ठीक करने में मदद करती है, और महिलाओं में प्रजनन क्षमता को बेहतर करने में भी मददगार साबित होती है। जब कोई भी महिला अपना IVF ट्रीटमेंट ले रही होती है तो उसको शतावरी का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि ये आईवीएफ ट्रीटमेंट की दवाओं और इंजेक्शन के असर को नेगेटिव कर सकती है। इसके अलावा अगर किसी भी महिला को एंडोमेट्रियोसिस जैसी सेहत सबंधी कोई परेशानी है तो उनकी कंडीशन और भी बिगड़ सकती है। 

3. कौंच के बीज

जो महिलाएं अपनी प्रजनन क्षमता में सुधार करने के लिए दवाइयों का प्रयोग कर रही है उसको कौंच के  बीज का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इसी प्रकार महिलाओं को IVF ट्रीटमेंट के दौरान कौंच के बीज   का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसकी वजह से शुक्राणु की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए इसका उपयोग करने से बचें। 

4. गुडूची

आयुर्वेद में गुडुची को एक बेहतरीन जड़ी बूटी माना जाता है। इसके इस्तेमाल से कई तरह की बीमारियों से बचाव करना सम्भव है लेकिन, पीसीओएस जैसी हेल्थ कंडीशन से पीड़ित महिलाओं के लिए यह लाभकारी नहीं  होता है। गुडुची एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो एक प्रजनन दवाओं के साथ मिलकर, उसके प्रभाव पर गलत असर डाल सकती है। जो महिलाएं IVF प्रक्रिया से माँ बनना चाहती यही उनको गुडूची के इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। इसका सेवन करने से पहले महिलाओं को आयुर्वेद एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए। 

5. तुलसी

तुलसी सभी के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी होती है क्योंकि तुलसी को एक जड़ी बूटी माना जाता है। लगभग हर दूसरे घर में तुलसी का पौधा पाया जाता है।  क्योकि मौसम बदलने की देरी होती है लोग पहले से ही तुलसी की चाय का सेवन करने लग जाते है क्योंकि ये शरीर के लिए अछि होती है। लेकिन जो भी महिलाये IVF का इलाज करवा रही हैं उन महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि कई अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि यह स्पर्म काउंट पर बुरा असर डालती है, और आईवीएफ ट्रीटमेंट में तुलसी बाधा डाल सकती है और ये प्रजनन दवाओं का असर भी कम करती है। जिससे कि IVF की सफलता दर कम हो सकती है। 

निष्कर्ष :

आईवीएफ इलाज़ के दौरान किसी भी तरह की जड़ी-बूटी का उपयोग करना है या नहीं, इस बारे में आप डॉक्टर की सलाह लें। IVF प्रक्रिया दौरान क्या खाएं और क्या न खाएं ये चीजें आपको भी परेशानी में डाल देती हैं तो आप सुमिता सोफत अस्पताल जाके अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके विशेषज्ञों से सलाह ले सकते हैं। 

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