नार्मल डिलीवरी के क्या लक्षण है? प्राकृतिक रूप से प्रसव करने के लिए किन कारकों की महत्ता है?

नार्मल डिलीवरी के क्या लक्षण है? प्राकृतिक रूप से प्रसव करने के लिए किन कारकों की महत्ता है?

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जैसे ही गर्भावस्था की शुरुवात होती है, वैसे ही स्त्री और उसके घरवाले उसकी नार्मल डिलीवरी की आकांशा करने लगते है| नार्मल डिलीवरी का महत्त्व स्त्री को प्रसव के बाद होने वाली जटिलताओं से बचाना है|जब एक स्त्री किसी बच्चे को जनम देती है, तो वो एक साथ २० हड्डियाँ टूट जाएं, ऐसा दर्द अनुभव करती है, जिसकी वजह से कहा जाता है की उसे एक नया जनम मिला है| उसके बावजूद अगर प्रसव के बाद वाले समय में उसे सीजेरियन डिलीवरी के चलते कोई और समस्या का सामना करना पड़े तो यह उसके लिए दर्द और असहजता बढ़ाने वाली समस्या का कारण बनता है| यहाँ ये बताना भी उचित होगा की यदि किसी स्त्री ने IVF centre in Punjab की सहायता से बच्चे को जन्म दिया है, तो भी वो नार्मल डिलीवरी की मदद से एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है| IVF Cost बहुत सारे कारणों पर निर्भर होती है

चलिए जानते है नार्मल डिलीवरी से जुड़ी हुई कुछ बातें:

  • किन कारकों द्वारा स्त्री की नार्मल डिलीवरी की संभावना बाद जाती है?
  • यदि एक स्त्री निचे दिए गए किसी भी कारक को अनुभव करती है, तो ये दर्शाता है की उसकी नॉर्मल डिलीवरी करने की सम्भावना है:
  • यदि एक महिला दूसरी बार गर्भ धारण कर रही है, तो वो उच्च दर की सम्भावना से तभी नार्मल डिलीवरी कर सकती है यदि उसकी पहले बच्चे के दौरान भी नार्मल डिलीवरी हुई थी|
  • यदि गर्भवती महिला को पहले कोई भी, किसी तरह की भी शारीरिक बीमारी न हो, तो वो नार्मल डिलीवरी की सहायता से एक स्वस्थ बचे को जन्म दे सकती है|
  • यदि गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु, दोनों का वजन सामान्य हो, तो यह समझ लिया जाता है की गर्भवती महिला की नार्मल डिलीवरी करने पर और प्रसव के बाद वाले समय में किसी भी जटिलता का सामना नहीं करना पड़ेगा|
  • यदि गर्भवती महिला गर्भावस्था के दौरान शारीरिक सक्रियता का ध्यान रख रही है, तो शरीर नार्मल डिलीवरी करने के लिए खुद ही तैयार हो जाता है|

गर्भावस्था के दौरान स्त्री को निम्नलिखित बातों का तो खास करके ध्यान रखना चाहिए:

  • ब्लड प्रेशर नार्मल रहे
  • ब्लड शुगर नार्मल रहे
  • हीमोग्लोबिन की मात्रा में किसी तरह की कमी न हो

आइये जानते है कुछ ऐसी Tips जिससे नार्मल डिलीवरी होने की सम्भावना बढ़ जाती है:

  • तनाव और नकारात्मक सोच से बचें

जब एक स्त्री गर्भवती होती है, तो सारा परिवार उसका मन बहलाने में लगा रहता है| ऐसा इसलिए क्यूंकि यदि गर्भवती महिला का मन शांति और सुकून से भरा होगा तो वो नार्मल डिलीवरी से एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है|

  • मालिश

ऐसा Gynaecologists द्वारा सुझाया जाता है की गर्भावस्था के दौरान अपने पास एक अनुभवी दाई रखें| दाई न केवल आपके खाने पीने, चलने फिरने का ध्यान रखती हैं| अपितु उन्हें ये भी पता होता है, कि किस महीने किस अंग की मालिश पर ज़्याद ध्यान देना चाहिए| सातवें महीने में शरीर के निचे वाले अंगों की मसाज करने से नॉर्मल डिलीवरी की संभावना का दर उच्च पैमाने पर बाद जाता है|

सारांश

यदि आप भी गर्भवती है और चाहती है की आपकी नार्मल डिलीवरी हो तो हमारे एक्सपर्ट Gynaecologist इस उद्देश्य में आपका पूर्ण रूप से सहयोग देंगे| तो बिना किसी जटिलता के नार्मल डिलीवरी करवाने के लिए आज ही IVF Centre में अपनी appointment book करें|

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