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पुरुषों में मेनोपॉज की समस्या क्या है? डॉक्टर से जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज

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ऐसी कई समस्याएं होती हैं, जो पुरुषों को काफी ज्यादा परेशान कर देती हैं। आम तौर पर, अगर आपके परिवार में 45 साल से भी ज्यादा उम्र का कोई पुरुष है, जिसे मूड स्विंग्स, यूरिनरी प्रॉब्लम और लिबिडो की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, तो आम तौर पर, उसको यह जांच करने की काफी ज्यादा जरूरत होती है, कि कहीं वो मेनोपाॅज जैसी किसी समस्या से पीड़ित तो नहीं है। आम तौर पर, यह कोई गंभीर डॉक्टरी स्थिति नहीं है और अक्सर इसके लिए बहुत कम या फिर कोई मेडिकल और लाइफस्टाइल एडजस्टमेंट की ज़रूरत नहीं होती है, पर आपको इसके लिए एक बार अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए। 

पुरुषों में मेनोपॉज क्या है?

असल में, हार्मोनल बदलाव उम्र बढ़ने का एक स्वाभाविक हिस्सा है। हालांकि पुरुष और महिलाएं दोनों ही इन हार्मोनल बदलावों को अलग -अलग तरीके से महसूस करते हैं, पर यह काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। आपको बता दें कि पुरुषों में हार्मोनल बदलाव काफी धीरे धीरे से होते हैं, जबकि महिलाओं में हार्मोनल बदलाव अचानक से और तेजी से ही होते हैं। 

आप को बता दें, कि पुरुषों में मेनोपॉज़, या फिर एंड्रोपॉज़ अक्सर एक व्यक्ति की उम्र बढ़ने के साथ टेस्टोस्टेरोन लेवल में कमी होने की वजह से होता है। हालाँकि, आप को बता दें, कि चिकित्सा समुदाय में इस के संकेतों और लक्षणों के बारे में काफी ज्यादा बहस होती है। 

दरअसल, कुछ पुरुषों ने इस चरण के दौरान बढ़ते हार्मोनल बदलावों का काफी ज्यादा अनुभव किया है। आम तौर पर, इस चरण को टेस्टोस्टेरोन की कमी, देर से शुरू होने वाले हाइपोगोनाडिज्म और एण्ड्रोजन कमी भी कहा जाता है। यह 45 से 50 साल की उम्र के पुरुषों में उत्पन्न होता है। 

पुरुषों में मेनोपॉज का क्या कारण होता है?

आम तौर पर, उम्र बढ़ने के साथ, टेस्टोस्टेरोन का स्तर हर साल औसतन 1 प्रतिशत कम हो जाता है, जो असल में पुरुषों में मेनोपाॅज का एक प्रमुख कारण होता है। पुरुषों में मेनोपॉज जैसी समस्या होने के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें शामिल हैं, जैसे कि 

1. आनुवंशिक कारकों का होना। 

2. पुरानी बीमारियां होना। 

3. मधुमेह की समस्या होना। 

4. एचआईवी की बीमारी होना। 

5. पुरानी प्रतिरोधी फेफड़े की बीमारी होना 

6. सूजन संबंधी गठिया रोग होना। 

7. गुर्दे की बीमारियां होना। 

8. मोटापा होना। 

9. काफी ज्यादा धूम्रपान करना। 

10. तनाव की समस्या होना। 

11. खराब खानपान की आदतें होना। 

अगर टेस्टोस्टेरोन के कम स्तर को कंट्रोल न किया जाए, तो यह सेक्सुअल लाइफ में काफी ज्यादा दिक्कतों को पैदा कर सकता है। आम तौर पर, इसकी वजह से सेक्स ड्राइव में कमी, लिबिडो में कमी, सुबह इरेक्शन की फ्रीक्वेंसी में कमी या फिर इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। 

पुरुषों में मेनोपॉज के क्या लक्षण होते है?

आपको बता दें कि पुरुषों में मेनोपॉज के लक्षण आपकी रोजाना की जिंदगी में रुकावट को पैदा कर सकते हैं। इस तरह की स्थिति में, कुछ खास लक्षण जिन पर आपको ख़ास ध्यान देना चाहिए, आम तौर पर जिसमें शामिल हैं, जैसे कि 

1. कम एनर्जी लेवल होना। 

2. प्रेरणा की कमी होना। 

3. डिप्रेशन या फिर लगातार उदास या फिर डिप्रेस्ड महसूस करना। 

4. ध्यान देने में कमी को महसूस करना। 

5. नींद की समस्या या इंसोम्निया होना। 

6. काफी ज्यादा वज़न का बढ़ना और मसल्स का कम हो जाना। 

7. कम लिबिडो की समस्या होना। 

8. इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी गंभीर समस्या होना। 

9. गाइनेकोमेस्टिया (पुरुषों के ब्रेस्ट का बढ़ना) होना। 

10. इनफर्टिलिटी के लक्षण दिखाई देना। 

टेस्टोस्टेरोन का कम स्तर, दरअसल ऑस्टियोपोरोसिस नाम की एक स्थति से जुड़ा हुआ होता है। आम तौर पर, जिसमें आपकी हड्डियां पहले की तुलना में काफी ज्यादा भंगुर और साथ में काफी ज्यादा कमजोर हो जाती हैं।

पुरुषों में मेनोपॉज का इलाज कैसे किया जाता है?

आम तौर पर, अगर आपको डिप्रेशन जैसी कोई समस्या है, तो इस तरह की स्थिति में आपका डॉक्टर आपको एंटीडिप्रेसेंट या फिर थेरेपी लेना जैसी सलाह प्रदान कर सकता है। आपको बता दें कि हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, हालांकि विवादित है और इसमें बहुत सारे संभावित हो सकते हैं, आम तौर पर यह इलाज का एक और विकल्प हो सकता है। हालांकि, इस तरह की स्थिति में, किसी भी तरह का कोई भी पुरुष इनफर्टिलिटी इलाज को करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है। आपको बता दें, कि इस तरह की स्थिति को कंट्रोल करना काफी आसान है, इसके लिए आप अपनी रोजाना की डाइट में सेहतमंद खाने को शामिल करें, रोजाना एक्सरसाइज करें, फालतू का तनाव लेने से अपने आप को बचाएं और इसके साथ ही एक अच्छी नींद प्राप्त करें। अगर ज्यादा जरूरी हो, तो डॉक्टर इस के लिए दवाओं को लिख सकते हैं। 

निष्कर्ष

मेनोपाॅज जैसी समस्या कोई गंभीर डॉक्टरी स्थिति नहीं है और न ही इसके लिए लाइफस्टाइल एडजस्टमेंट की जरूरत होती है। पर अगर अपनी उम्र 45 साल से भी ज्यादा की है और आप को मूड स्विंग्स, यूरिनरी प्रॉब्लम और लिबिडो जैसी कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो आपको एक बार अपनी जांच करवानी चाहिए, कि कहीं आप मेनोपाॅज जैसी किसी समस्या से पीड़ित तो नहीं है। दरअसल, मेनोपाॅज जैसी समस्या के शुरू होने के कई कारण और इसके कई लक्षण भी हो सकते हैं। रोजाना की डाइट में सेहतमंद खाने को शामिल करके और फालतू का तनाव न लेकर आप इसको आसानी से ठीक कर सकते हैं। आप को इसके लिए एक बार अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए। अगर आपको भी मेनोपाॅज जैसी कोई समस्या है और आप इस का इलाज चाहते हैं, तो आप आज ही सुमिता सोफत अस्पताल में जाकर इसके विशेषज्ञों से इसके इलाज के बारे में जानकारी ले सकते हैं।

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