नि:संतान – इन बातों पर ध्यान दें

नि:संतान युगल - छोटी और ध्यान देने योग्य बातें

नि:संतान युगल छोटी और ध्यान देने योग्य बातें

बहुत से विवाहित जोड़ों के लिए माता पिता बनाना एक बहुत आसान काम होता है , लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें बहुत आपत्तियों का सामना करना पड़ता है | ऐसे युगल के लिए हम कुछ साधारण और ध्यान देने योग्य बातें बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप सफलता पूर्वक माता पिता बनने का सुख प्राप्त क्र सकते हैं |

मात्र्तव का सुख हर एक दम्पति के लिए बहुत महतवपूर्ण होता है क्यूंकि यह एक बहुत ही रोमांचक और प्यार भरा अनुभव होता है | भगवान ने बहुत खूबसूरती से पुरुष और औरत की सरंचन तैयार की है ता की वह अपने वंश को आगे बढ़ा सकें | गर्भधारण के लिए सबसे पहली बात यह है की पति और पत्नी शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ होने चाहिए ताकी वह स्वस्थ्य शिशु को जनम दें सकें |

इस अनुच्छेद में हम गर्भावस्था के समय करने वाली और न करने वाली चीजों पर प्रकाश डाल रहे है | मात्र्तव के समय आप इन पर अवश्य ध्यान दें अन्यथा आपको कई मुश्किल परिस्थत्यों का सामना करना पड़ता है |

मात्र्तव के समय का सही मूल्यांकन

इसे ओवुलेशन समय भी कहा जाता है और इस संयते महिला के अंडाशय से अंडा निकल कर फॉलोपियन नलिका में आता है और वही पर पुरुष के शक्राणुओं के संपर्क में आकर निषेचित होता है | इस समय में गर्भधारण की संभावना अधिकतम होती है |

ओवुलेशन के समय पर निरन्तर तौर पर शरीरिक सम्बन्ध बनना बहुत जरुरी होता है क्यूंकि महिला के शरीर के अंदर शक्राणु सही परिस्थतयाँ होने पर पांच दिन तक जिन्दा रह सकता है | माहवारी का चक्र २८ दिनों के समय अंतराल पर चलता है और इन दिनों से पांच दिन पहले और बाद में असुरक्षित शरीरक सम्बन्ध बनाने से गर्भधारण के अवसर बहुत अधिक होते है | इन दिनों महिला की प्रजनन क्षमता शिखर पर होती है|

अगर आपको अपने ओवुलेशन समय के बारे में सही से पता नहीं चल रहा है तो हम आपको कुछ ऐसे तथ्यों के बारे में बताते है जिनकी मदद से आप पता लगा सकते है |

सबसे आसानी से देखा जाने वाला कारक यह है की महिला के शरीर का आम तापमान बढ़ने लगता है | आप थर्मामीटर की मदद से इसे माप सकते है और महिला मेहसूस भी क्र सकती है | इसके इलावा योनि से निकलने वाला द्रव बहुत गाढ़ा हो जाता है |

इन सबके बाद कुछ सरल युक्तयां हैं जिनसे आप सुरक्षित गर्भधारण कर सकते है

ओवुलेशन के दिनों में आपको निरंतर शारीरिक सम्बन्ध बनाने है क्यूंकि यह समय गर्भधारण के लिए अच्छा होता है और आपका शरीर इसके लिए पूरी तरह से तैयार होता है |

अगर रक्त रिसाव जायदा होने के कारन आप सम्बन्ध बनाने के सफल नहीं हो रहे है तो आपको पास इसके बाद पांच दिन का समय है | मासिक चक्र के एक हफ्ते बाद तक भी संभावनाएं रहती है |

आपको अपने शरीर का सामान्यन बजन बना कर रखना है, किसी किसम के मध्यान से व्यंजन बढ़ने या कम करने का प्रयास न करे | यह गर्भधारण की संभावनाओं को खतम क्र देता है | सामान्य वजन होने पर सभी हार्मोन्स पूरी तरह से किर्याशील होते हैं | इस समय अगर आपकी सेहत पर कोई दुष्प्रभाव होआ है तो उसका सीधा असर आपके होने वाले बच्चे की सेहत प्रे पड़ेगा |

इनसे बचें

धुपार्पण से बचें | धुपार्पण गर्भावस्ता के लिए सबसे अधिक खतरनाक कारक है | इसमें पाया जाने वाला निकोटीन आपके बच्चे की जान तक ले सकता है |

नशीले तत्व जैसे मदिरा, कैफीन अदि से सुर रहें | इनका जायदा सेवन आपकी प्रजनन शमता पर बहुत गहरा प्रभाव डालता है | इसी वजह से आपके होने वाले बच्चे में विकार भी हो सकते हैं |

जायदा भरी व्यायाम से बचे |

चिकत्सक से परामर्श

यह सबसे अधिक जरुरी काम है ताकी गर्भधारण के आपको कोई परेशानी न हो और आपकी देखभाल और बच्चे के स्वस्थ्य के बारे में भी आपको सभी जानकारी मिलती रहे |

दूसरी सूरत में जब आप अपनों कोशिश के बाद भी गर्भधारण करने में सफलक नहीं हो रहे है तो भी आपको चित्सक से संपर्क करना अनिवार्य है | इसके आप निपुसकता भी कह सकते है और यह महिला और पुरुष में बराबर होता है |

चिकत्सक आपके विश्लेषण के बाद आपको इनविट्रो फर्टिलाइजेशन की सलाह दें सकता है | इस पर्किर्या में प्रजनन सम्बंधित हर पर्किर्या का उपचार है | आप आपके चिकत्सक से इसके बारे में परामर्श करें और सही समय पर सही उपचार की मदद से मातापिता बनने का सुख प्राप्त करें |

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