गर्भावस्‍था की दूसरी तिमाही में शिशु के विकास और मां के शरीर में आए बदलावों की सम्पूर्ण जानकारी !

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गर्भावस्‍था एक ऐसी अवस्था होती है जिसमे महिलाओं व उनके गर्भ में पल रहें बच्चो में बदलाव देखा जाता है। इसके अलावा उनके व उनके शिशु में दूसरी तिमाही में क्या बदलाव देखा जाता है इसके बारे में संपूर्ण लेख में चर्चा करेंगे ;

कब शुरू होती है दूसरी तिमाही !

  • प्रेग्‍नेंसी की दूसरी तिमाही 13वें हफ्ते से लेकर 27वें हफ्ते तक होती है। इस दौरान शिशु बड़ा और मजबूत हो रहा होता है। इस समय में कई महिलाओं का पेट बाहर निकलने लगता है। 
  • दूसरी तिमाही की बात करें तो अधिकतर महिलाओं के लिए पहली तिमाही के मुकाबले दूसरी तिमाही आसान होती है। 

यदि आप पंजाब में आईवीएफ उपचार के जरिये गर्भवती हुई है तो भी आपके बच्चे में दूसरी तिमाही के दौरान ऐसे ही बदलाव नज़र आ सकते है।

प्रेग्‍नेंसी के दूसरी तिमाही में महिलाओं के शरीर में कौन-से बदलाव नज़र आते है !

  • गर्भाशय का बढ़ना। 
  • पेट का बाहर निकलना। 
  • लो बीपी के कारण चक्‍कर। 
  • शिशु की मूवमेंट को महसूस कर पाना। 
  • शरीर में दर्द की समस्या। 
  • भूख का बढ़ना। 
  • पेट, स्‍तनों, जांघों और कूल्‍हों पर स्‍ट्रेच मार्क का आना। 
  • त्‍वचा में बदलाव आना जैसे कि ब्रेस्‍ट के निप्‍पलों के रंग का गहरा होना। 
  • शरीर के अंगो में खुजली की समस्या। 
  • एडियों या हाथों में सूजन की समस्या।

गर्भावस्‍था की दूसरी तिमाही में शिशु कैसे नज़र आता है ?

  • गर्भावस्‍था के तीसरे महीने के बाद और दूसरी तिमाही के दौरान शिशु के अंग पूरी तरह से विकसित होते है। शिशु अब सुनने और स्‍वाद लेना शुरू कर सकता है। उसके छोटे-छोटे बाल आने लगते है। 
  • इसके बाद दूसरी तिमाही में शिशु हिलना शुरू कर देता है। शिशु के सोने और जागने का समय मां को महसूस होने लगता है।
  • हाथ और पैर की बढ़ने लगते है।
  • भ्रूण में फैट जमा होने लगता है।
  • पलकें खुलने लगती है और भौहें और पलकें दिखाई देने लगी है।
  • भ्रूण के आकार और वजन में तेजी से वृद्धि होती है।

गर्भावस्था की दूूसरी तिमाही में डॉक्‍टर को कब दिखाएं !

  • गर्भावस्था की दूूसरी तिमाही में हर दूसरे से चौथे हफ्ते में गर्भवती महिला को डॉक्‍टर के पास चेकअप के लिए जाना चाहिए। इस चेकअप में डॉक्‍टर ब्‍लड प्रेशर और वजन चैक करेंगे। अल्‍ट्रासाउंड, ब्‍लड टेस्‍ट से डायबिटीज की जांच, शिशु में जन्‍म विकार या अन्‍य अनुवांशिक विकार की जांच के लिए स्‍क्रीनिंग टेस्‍ट आदि किया जाएगा।
  • इसलिए जरूरी है की आप गर्भावस्था के बीच के तीन महीनों में अपने डॉक्टर से जरूर मिले।

गर्भावस्‍था की दूसरी तिमाही में महिलाएं किन बातो का रखें ध्यान !

  • तीसरी तिमाही में महिलाओं को अपनी डाइट को सही रखना चाहिए और प्रतिदिन 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम का उपभोग करना चाहिए। 
  • इस दौरान महिलाओं को कोई न कोई योग या व्यायाम जरूर करना चाहिए और जितना हो सकें खुद को वे एक्टिव रखें।

क्या-क्या चीजे महिलाओं को अपनी तीसरी तिमाही की दिनचर्या में शामिल करना चाहिए इसके बारे में जानने के लिए आप महिलाओं की विशेषज्ञ डॉक्टर का चयन भी कर सकती है।

सुझाव :

आईवीएफ के दौरान गर्भवती हुई महिला को भी उपरोक्त बातो का खास ध्यान रखना चाहिए। तो आप अगर आईवीएफ के दौरान तीसरे महीने की गर्भवती है और आपको अगर किसी भी तरह की परेशानी आती है तो उस परेशानी से निजात पाने के लिए आपको सोफत इनफर्टिलिटी एन्ड वीमन केयर सेंटर का चयन करना चाहिए। वहीं इस हॉस्पिटल के डॉक्टरों की बात करें तो उन्हें अपनी फील्ड का अनुभव 28 साल से भी ज्यादा का है। इसलिए आप बेफिक्र होकर इस हॉस्पिटल में उपचार से लेकर जाँच तक का चयन कर सकते है। 

निष्कर्ष :

गर्भावस्‍था की दूसरी तिमाही में शिशु व माँ में किस तरह का बदलाव नज़र आता है इसके बारे में हम उपरोक्त चर्चा कर चुके है, वही अगर आपको गर्भवस्था की दूसरी तिमाही यानि चौथे महीने में किसी भी तरह की परेशानी नज़र आए तो इससे बचाव के लिए आपको डॉक्टर के संपर्क में आना चाहिए।

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