स्पर्म की गिनती कितनी होनी चाहिए एक पुरुष में, स्पर्म या शुक्राणु आखिर है क्या, क्या स्पर्म या शुक्राणु को महिला के गर्भ धारण का एहम कारण माना जाता है। जैसे तमाम आपके द्वारा पूछे गए प्रश्नो का उत्तर हम आज के इस लेखन में प्रस्तुत करेंगे।
शुक्राणु या स्पर्म क्या है ?
स्पर्म या शुक्राणु क्या है इसके बारे में हम निम्न में बात करेंगे ;
- पुरुषों में इनफर्टिलिटी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, शुक्राणु को ही अंग्रेजी में स्पर्म कहते हैं। यह पुरुष के सीमेन में मौजूद होता है। और इसकी ही उपस्थिति में एक महिला को गर्भ धारण करने में सहयोग मिलता है।
- तो वही बात करे स्पर्म या शुक्राणु की तो इसी की मदद से ही एक महिला में अंडे को निषेचित किया जाता है। जिससे महिला एक बच्चे को जन्म देने में सहायक सिद्ध होती है।
पुरुषों में स्पर्म या शुक्राणु की संख्या कितनी होनी चाहिए ?
स्पर्म या शुक्राणु की गिनती कितनी होनी चाहिए। इसका अंदाज़ा हम कुछ बातो को पढ़ कर लगा सकते है ;
- एक सामान्य शुक्राणु घनत्व की अगर बात करे तो ये 15 मिलियन से लेकर 200 मिलियन शुक्राणु प्रति मिलीलीटर वीर्य से अधिक होता है। यदि आपके प्रति मिली लीटर में 15 मिलियन से कम शुक्राणु हैं या प्रति स्खलन में 39 मिलियन से कम शुक्राणु हैं, तो आपको कम शुक्राणुओं की संख्या में गिना जाऐगा।
- वही एक रिपोर्ट के मुताबिक बात सामने आई है कि पुरूष के वीर्य में शुक्राणु की संख्या 15 मिलियन प्रति एमएल से अधिक है तो यह सामान्य है, लेकिन किसी पुरूष का स्पर्म 15 मीलियन से कम हैं तो गर्भधारण में भी समस्या हो सकती है।
स्पर्म या शुक्राणु की जाँच क्या है ?
शुक्राणुओं के जाँच की जरूरत हमे तब पड़ती है जब हमे संतान की प्राप्ति आईवीएफ उपचार के जरिये करवाना है। इसके इलावा भी आप इसकी जांच करवा सकते है यदि कई बार संबंध बनाने के बाद भी आप संतान प्राप्ति में असमर्थ है तो।
यदि आप संतान न पाने की वजह से दुखी है तो इसके लिए शुक्राणु की जांच पंजाब में आईवीएफ सेंटर में जरूर करवाए।
स्पर्म या शुक्राणु को कैसे बढ़ाए ?
स्पर्म या शुक्राणु को निम्न खाने की चीजों पर ध्यान रख कर बढ़ाया जा सकता, जैसे;
- लहसुन, का प्रयोग करके स्पर्म उत्पादन की गिनती में बढ़ावा करना।
- ट्रिबूलस टेर्रेस्ट्रिस को स्पर्म काउंट बढ़ाने और स्पर्म की क्वालिटी में सुधार करने के लिए जाना जाता है।
- एक घंटे की एक्सरसाइज आपकी स्पर्म की गिनती में बढ़ावा करेगी।
- ग्रीन टी, स्पर्म कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाने वाले मुक्त कणों को बेअसर कर देते हैं।
- माका जड़, काले रंग का होता है जो स्पर्म को बनाने और उसकी गतिशीलता का खास ध्यान रखती है।
- अश्वगंधा, स्पर्म को बढ़ाने के साथ वीर्य की मात्रा या स्पर्म गतिशीलता को भी बढ़ाता है।
यदि आप स्पर्म या शुक्राणु में बढ़ावा हुआ या नहीं इसके बारे में जानना चाहते है तो आप पंजाब में आईवीएफ उपचार का चुनाव करें।
सुझाव :
आईवीएफ के उपचार के जरिये यदि आप संतान प्राप्त करना चाहते है। तो इसके लिए आपको उपरोक्त बातो को ध्यान में रखना चाहिए। इसके इलावा संबंध बनाने के बाद भी संतान प्राप्ति में आप असफल है तो डॉ सुमिता सोफत हॉस्पिटल का चुनाव आपके लिए बेहत होगा।
निष्कर्ष:
यदि आपके अंदर स्पर्म की गिनती में कमी नज़र आ रही है तो आप उपरोक्त बातो को ध्यान में रख कर इस परेशानी से खुद को निजात दिलवा सकते है।