इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) और टेस्ट ट्यूब बेबी (परखनली शिशु) की प्रक्रिया जानिये हिंदी में
कई बार महिलाओं को गर्भधारण करने में बहुत ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है| एक सर्वेक्षण के अनुसार करीब 6.7 प्रतिशत महिलायें प्रजनन संबंधी समस्या (इनफर्टिलिटी) की शिकार होती हैं| यह समस्या अलग- अलग वजह से हो सकती है| यह समयसा केवल महिलाओं में ही नहीं बल्कि पुरषो में भी हो सकती है| अगर आप काफी समय से गर्भवती होने की कोशिश कर रहे है पर सफलता नहीं मिल पा रहे है तो आप समय रहती ही डॉक्टर से सम्पर्क करे|
इन-विट्रो-निषेचन (IVF) क्यों क्यों जाता है
- फैलोपियन ट्यूब का बंद होना
- महिला की प्रजनन (रिप्रोडक्शन) क्षमता में समस्या
- पुरुषों की प्रजनन क्षमता में समस्या
- उम्र
इन–विट्रो–फर्टिलाइजेशन क्या है?
इन-विट्रो की प्रकिर्या की मदद से बहुत सारी महिलायें गर्भवती होने में सफल हुई है| इस प्रकिर्या को टेस्ट ट्यूब बेबी (परखनली शिशु) भी कहा जाता है|
प्रकिर्या के दौरान:
- सबसे पहले महिला का मासिक धरम (पीरियड्स)) रोका जायेगा| इसके लिए डॉक्टर आपको कुछ दवाईयाँ लिख कर देंगे, जिसकी मदद से आपका मासिक धरम रुक जायेगा| इस प्रक्रिया को पूरा होने में लगभग दो सप्ताह लग जाते है|
- फिर जब आपके पीरियड्स रुक जाते है तो आपको फॉलिकल स्टिम्युलेटिंग हार्मोन दिए जायेगा| इस इंजेक्शन की मदद से अंडो की संख्यां बढ़ जाती है| यह इंजेक्शन आपको दस से बारह दिन के लिए लगातार लेना पड़ेगा|
- पूरी प्रकिर्या के दौरान डॉक्टर आपकी सेहत पे करीब नज़र रखेंगे| फिर आपको एक इंजेक्शन दिए जायेगा जिसके मदद से अंडे निषेचन के लिए त्यार होते है| इंजेक्शन लेने के 34 से 38 घंटे के बाद अंडे बनने शुरू होते है|
- इसके बाद गर्भाशय से अंडे बहार निकले जाते है| इस प्रकिर्या को पूरा होने में 20 मिनट लगते है|
- इसके बाद प्रयोगशाला में आगे की प्रकिर्या होते है| आपके अंडो को टेस्ट ट्यूब में रखा जाता है| फिर २० घंटो के बाद जांचा जाता है की परिक्रया सफल हुई या नहीं| स्थानांतरण के लिए सबसे अचे अंडे चुने जाते है| स्थानांतरण की प्रक्रिया कैथटर से की जाती है|
प्रक्रिया की सफलता दर
इन-विट्रो की सफलता दर कुछ कारण पे निर्भर करती है जैसे की आपकी उम्र कितनी है, अपने इलाज कहाँ से करवाया है, और डॉक्टर का अनुभव कितना है| के बार जो आप दवाईआं ले रहे होते है उनका प्रभाव भी गलत पढ़ सकता है| इस प्रक्रिया की सफलता 35 की उम्र में 40% है और जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है वैसे ही सफलता दर कम होती है|
साइड इफेक्ट्स और जोखिम
प्रक्रिया के दौरान गर्भ में दो भ्रूण डाले जाते हैं| कई बार जुड़वाँ बचे होने का जोखिम होता है| जब बच्चा पैदा होता है तो उसका वजन कम होने की सम्भावना होती है| कई बार जो आप दवाईआं ले रहे होते है उनका प्रभाव भी गलत पढ़ सकता है| शिशु ‘स्पाइना बिफिडा’ यानी रीढ़ की हड्डी का दोष होने का खतरा हो सकता है|
टेस्ट ट्यूब बेबी का खर्च कितना होता है? टेस्ट ट्यूब बेबी का खर्च 2021
लागत
इस प्रक्रिया की लागत ₹ 50,000 है जो सबसे कम है| बाकि यह जगह और डॉक्टर पर भी निर्भर करता है की आप कहाँ से इलाज करवा रहे हैं|
I.U.I | I.V.F/ICSI + Drugs (Approx Rs. 60k – 80k) | Laser Assisted Hatching | Blasto cyst Culture Transfer | Tesa | Sperm Preserv |
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₹ 15000 | ₹ 50000 | ₹ 15000 | ₹ 15000 | ₹ 15000 | ₹ 5000 |