शादी के बाद सभी जोड़ों का सपना होता है कि उनका खुद का बच्चा हो, पर आज के समय में पुरुष और महिलाओं का देरी से शादी करने लगे हैं। जिसकी वज़ह से वह नेचरल तरिके से संकीव नहीं कर पाते है और फिर वह IVF प्रकिरिया का सहारा लेते हैं। दरअसल, उम्र बढ़ने के साथ ही महिला और पुरुषों की फर्टिलिटी क्षमता तेजी से कम होने लगती है। आज के समय में महिलाएं और पुरुष शादी से पहले करियर को आगे रखते हैं। और इसके चलते पुरुष और महिलाएं पूरा फोकस अपने काम पर रखते हैं और अपने खाने पीने पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हैं। सही समय पर डाइट का लेना और ज्यादा जंक फूड का खाना खाने के कारण महिलाओं और पुरुषों को मोटापे का शिकार होना पड़ता है। और यही मोटापा कई बीमारियों का कारण बनता है। मोटापा महिला और पुरुष दोनों की नेचुरल फर्टिलिटी क्षमता को प्रभावित करता है। IVF निसंतान दंपत्ति के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, इसमें जानेगे की मोटापा किस तरह आपकी IVF प्रक्रिया को प्रभावित करता है।
IVF में मोटापा पुरुषों की फर्टिलिटी पर क्या प्रभाव डालता है ?
आम तौर पर मोटापा पुरुषों में हार्मोनल बदलाव होने की एक बड़ी वजह हो सकता है। मोटापा टेस्टोस्टेरोन को एस्ट्रोजन में बदलने की प्रक्रिया को बढ़ा सकता है। जो पुरुष के स्पर्म बनने की प्रक्रिया में रोक लगा सकती है। इसकी वजह से पुरुषों के स्पर्म की संख्या और क्वालिटी बहुत ही ज्यादा खराब हो सकती है।
- मोटापा पुरषो में डायबिटीज और इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ाता है। इंसुलिन रेजिस्टेंस ऑक्सिडेटिव तनाव को बढ़ाता है जो स्पर्म के डीएनए को बदल सकता है।
- मोटापे की वजह से सूजन हो सकती है और सूजन होने की वजह से अंडकोष और स्पर्म की प्रक्रिया भी प्रभावित होती है।
- पुरुषों के स्पर्म की संख्या में मोटापा एक कमी का कारण बनता है और साथ ही स्पर्म के आकार और बनावट में बदलाव होता है। और शादी के बाद प्रेगनेंसी के दौरान यह मिसकैरेज की वजह भी बन सकता है।
- पुरुषों में मोटापा इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का कारण बन सकता है क्योंकि मोटापे की वजह से नसों पर दबाव पड़ता है। और मोटापा ब्लड सर्कुलेशन को कम और सेक्सुअल प्रदर्शन को भी प्रभावित करता है।

महिलाओं की फर्टिलिटी कैसे प्रभावित होती है ? मोटापे के कारण
- महिलाओं के ओवुलेशन और महामारी के चक्र को मोटापा बहुत ज्यादा प्रभावित करता है।
- महिलाओं में मोटापा उनके एग क्वालिटी और एंब्रियो बनने प्रक्रिया को नुकसान कर सकता है।
- महिलाओं में मोटापा हार्मोनल असंतुलन इंसुलिन प्रतिरोध और सूजन की वजह से एंडोमेट्रियल रिसेप्टिविटी को बिगाड़ सकता है। भ्रूण सफल प्रत्यारोपण के लिए गर्भाशय की परत एंडोमेट्रियम स्वस्थ होनी चाहिए।
- महिलाओं की प्रेग्नेंसी के बाद मोटापा कई जटिलताओं की वजह बनता है। इसके दौरान ही मोटापे की वजह से महिलाओं को जेस्टेशन डायबिटिज, प्रीक्लेम्पसिया और समय से पहले बच्चे को जनम देना जैसे जोखिम बने रहते हैं। ज़्यादा मोटापा महिलाओं के लिए ठीक नहीं होता है।
मोटापे को कम करने के लिए होम्योपैथिक दवाएं

ये कुछ होम्योपैथिक दवा जो पुरषों और महिलाओं के मोटापे को कम करने में मदद कर सकते हैं इससे मोटापे को तेजी से खत्म किया जा सकता है। ये तब होता है जब आप होम्योपैथिक दवाएं समय पर और इनको अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेना चाहिए क्योंकि डॉक्टर आपकी स्थिति की जाँच-पड़ताल करने के बाद ही दवाएं को लिखते हैं जैसे की,
- नक्स वोमिका
- एंटीमोनियम क्रूडम
- कैल्केरिया कार्बोनिका
- नेट्रम म्यूर
- लाइकोपोडियम
होम्योपैथी दवाओं के कुछ नियम

अगर आप भी अपने मोटापे से काफी परेशान हैं और अपने मोटापे और चर्बी को कम करना चाहते हैं और आप होम्योपैथिक दवाओं का इस्तेमाल करना चाहते हो तो इसके भी कुछ नियम होते हैं जिनकी पलना करना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। कई डॉक्टरों का मन्ना है की अगर इसके ज़रूरी परहेजों पर ध्यान दिया जाये तो यह दवायें तभी काम करती है।
डॉक्टर पहले मरीज़ के मेडिकल इतिहास को देखता है की मरीज़ को कहीं किसी भी चीज से परेशानी या एलर्जी तो नहीं है। ये सब देखने के बाद ही डॉक्टर पेट के मोटापे और चर्बी को कम करने के लिए होम्योपैथिक इलाज प्रक्रिया को शुरू करता है | मोटापे को कम करने के लिए होम्योपैथिक दवाओं के साथ साथ अपने खाने में वसा आदि के इस्तेमाल पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है।
निष्कर्ष :
मोटापा पुरषों और महिलाओं दोनों के लिए ही एक समय पर हानिकारक हो सकता है जिसकी वजह से उनको अपनी जिंदगी मैं कई तरह की परेशानिओं का सामना करना पड़ता है। मोटापा IVF प्रक्रिया की सफलता दर को प्रभावित कर सकता है। हालांकि पुरुष और महिलाएं अपने मोटापे को कुछ होम्योपैथिक दवाओं को लेकर तेजी से कम कर सकते हैं मोटापा कई जटिलताओं का कारण बनता है। अगर आप भी अपने मोटापे से बहुत ज्यादा परेशान हैं और IVF प्रक्रिया को प्रभावित कर रहा है तो आप आज ही सुमिता सोफत अस्पताल जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके विशेषज्ञों से इसके बारे सलाह और जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।