आईवीएफ
IVF प्रक्रिया के बाद रिकवरी उतनी ही महत्वपूर्ण होती है जितना कि उपचार। IVF प्रक्रिया को करवाने का फैसला एक साहसी और उम्मीद भरा फैसला होता है। अगर हम IVF की बात करें तो हमारे दिमाग में एक बात तुरंत आ जाती है की यह वही प्रक्रिया है, जो अत्यधिक प्रभावी और सफल प्रजनन उपचार है जिसने कई व्यक्तियों और जोड़ों को बांझपन से उबरने और माता-पिता बनने के अपने सपने को पूरा करने में मदद की है, इसके आलावा हमारे दिमाग में इसको लेकर एक और छवि बनती है, कि इस प्रकिरिया दौरान एक महिला को कई तरह के हार्मोनल इंजेक्शन लगते हैं, और इससे उनकी मानसिक सेहत पड़ता है। एक महिला इस इस विधि के दौरान बहुत साडी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, इन सब से गुजरने के बाद ही एक महिला को माँ बनने का सुख मिलता है, पर हम लोग इस बात पर कम ही ध्यान देते हैं की IVF प्रक्रिया के बाद एक महिला को इसकी रिकवरी में कितना समय लगता है। क्या इसकी रिकवरी एक नेचुरल तरिके से गर्भधारण करने वाली माँ की तरह होता है फिर इससे कुछ अलग होता है, क्या IVF करवाने वाली महिलाओं स्पेशल इलाज़ की जरूरत पड़ती है? इस दौरान हम इसके बारे में जानेगे और ये भी जानेगे की भ्रूण ट्रांसफर के बाद और बच्चे के जनम होने एक औरत को कब-कब आराम जरूरत पड़ती है।
आईवीएफ ट्रीटमेंट के बाद रिकवरी पीरियड? कितना लंबा होता है।
आईवीएफ प्रक्रिया बहुत सारी मुश्किलों से भरी और जटिल होती है। इस प्रक्रिया में कई चरण शामिल होते हैं और इस विधि के दौरान महिला को अलग-अलग तरीके इंजेक्शन भी लगते हैं। इस प्रक्रिया के बाद जब एक औरत गर्भधारण कर लेती है, तो डॉक्टरों की नजर पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान माँ और उनके गर्भ में पल रहे बच्चे पर होती है, कि उन दोनों को कोई नुकसान न पहुंचे। इसके साथ ही महिला को अपनी डिलीवरी के बाद पर्याप्त रेस्ट करवाने की जरूरत होती है। डॉक्टरों के अनुसार IVF प्रक्रिया के बाद एक महिला को कम से कम 2 हफ्ते तक बेड रेस्ट करना बहुत जरूरी होता है। इसके साथ ही उनको घर का कोई भी काम नहीं करना चाहिए, उनको कम से कम 40 दिन तक अच्छी तरिके से आराम करना चाहिए। अगर वह अपने स्वास्थ्य में थोड़ा आराम महसूस करती हैं तो उनको गर के बहार ही टहल लेना चाहिए थोड़ी वॉक क्र लेनी चाहिए, लेकिन IVF प्रकिरिया से हुई डिलीवरी के बाद उनको कोई भारी काम काज नहीं करना चाहिए और न ही उनको भारी सामान को उठाना चाहिए और न ही कोई गंभीर गतिविधि में हिस्सा लें इससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है, और यहां तक की अपने साथी के साथ शरीरिक संबंध बनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से जरूर पूछें।
आईवीएफ प्रक्रिया दौरान रेस्ट करना जरूरी है।
एक महिला को आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान रेस्ट करना बहुत ज्यादा जरूरी होता है, क्योंकि महिला को उस प्रक्रिया के दौरान कई तरिके की प्रकिर्याओं से होकर गुजरना पड़ता है। ख़ास करके भ्रूण ट्रांसफर और डिलीवरी के बाद, उन्हें अपने शरीर का विशेष ध्यान रखना चहिये ,क्योंकि
भ्रूण स्थानांतरण के बाद

1.भ्रूण ट्रांसफर के बाद महिलाओं को कुछ दिनों तक कंप्लीट बेड रेस्ट करना चाहिये। इन दिनों IVF प्रक्रिया से गुजरने वाली महिलाओं को बहुत तरीके के इंजेक्शन और मेडिसिन दी जाती हैं। भ्रूण स्थानांतरण करवाने वाली औरतों को ब्लोटिंग और क्रैंपिंग जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे वह लगातार आराम महसूस नहीं कर पाती हैं। महिलाओं को इस तरिके की स्थिति में अपने आप को आराम करने देना चाहिए और कोई भरी काम नहीं करना चहिये।
2.भ्रूण ट्रांसफर होने के बाद महिला को घर के बाहर ही वॉक करनी चाहिए जयदा नहीं हलकी फुलकी जीससे की उनको थोड़ा आराम महसूस हो। यह उनकी बॉडी में हो रहे बदलाव को आसानी से स्वीकार करने में मदद करता है, अगर आपका डॉक्टर आपको इसकी सलाह दे आपको तभी ऐसा करना चाहिए, अगर आपका डॉक्टर इसकी सलाह नहीं देता है तो, इसको नहीं करना चहिये, क्योकि फिर ऐसा करना सही नहीं होगा, आपका डॉक्टर आपको जितना कहे उतना ही करना चाहिए,अगर बेड रेस्ट बोला तो वही करें।
3.एंब्रियो ट्रांसफर के बाद महिला को पर्याप्त रेस्ट करना चाहिये, क्योंकि IVF प्रक्रिया के दौरान महिला में हार्मोनल बदलाव काफी ज्यादा होते हैं, महिला अगर अच्छे तरीके से अपने आप को आराम देती है तो हार्मोनल बदलाव को पर्याप्त सपोर्ट मिलता है।

इससे महिला के भ्रूण का विकास कुदरती रूप से होता है, इसके दौरान महिला के मूड स्विंग्स भी हो सकते है जिसका ख़ास तोर पर ध्यान रखना चहिये
4.भ्रूण ट्रांसफर करना महिला के लिए यह एक बहुत ही नाजुक समय होता है, इसलिए उसको भ्रूण ट्रांसफर के बाद महिला को करीब 14 दिनों तक सावधानी बरतनी होती है, हो रहे बदलावों पर भी ध्यान देना चाहिए जैसे की महिलाओं को इस दौरान स्पॉटिंग या हल्की ब्लीडिंग भी हो सकती है। इस तरीके की बातों को आप डॉक्टर को जरूर बताये।
आईवीएफ प्रक्रिया के बाद

- आईवीएफ प्रक्रिया के बाद महिला को कम से कम सप्ताह का समय लगता है अपनी
न्यूनतमम रिकवरी के लिए। इसके दौरान उनको अछि नींद लेनी चाहिए जिससे की उनको रिकवरी में मदद मिलती है। इस दौरान महिला को काफी कुछ झेलना पड़ता है, यह महिला में मानसिक और शरीरिक दोनों तरिके से हो सकता है, क्योंकि इस प्रकिरिया के बाद महिला का शरीर काफी थका हुआ होता है। इसके दौरान महिला को पूरा आराम देना चाहिए और अच्छी डाइट का होना भी जरूरी है।
2 . IVF प्रक्रिया के बाद महिला को कोई शारीरिक गतिविधि नहीं करनी चाहिए। इससे उनको कुछ वक्त के लिए दूर रहना चाहिए। ध्यान रखें की कोई भरी सामान को न उठायें ,क्योंकि इससे उनके टांके भी टूट सकते हैं जो की उनके स्वास्थ्य को बिगाड़ सकता है।
3. IVF प्रक्रिया के बाद फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों पर ध्यान देना चाहिये। कई औरतें को डिलीवरी के बाद पोस्टपार्टम डिप्रेशन होने लगता है, इससे बचने के घरवालों का साथ लें। महिला को अगर उदासीना, एंग्जाइटी फीलिंग का सामना करना पड़ रहा है तो, तो बच्चे की जिमेवारी घरवालों को लेनी चाहिए
4. अगर टेस्ट करवाने के बावजूद भी मेंटल हेल्थ में सुधार नहीं हो पा रहा है तो साइकिएट्रिस्ट से मिलने में देरी न करें। सपोर्ट ग्रुप की भी मदद ले सकते हैं। महिलाओं को अपने जेस्सी औरतों से मिलकर तनाव से निकलने में मदद मिलती है।
निष्कर्ष :
महिला को भ्रूण धारण करने के बाद 40 दिन तक आराम करना चाहिए और इसके दौरान भारी गतिविधियों से बचना चाहिए। आराम महसूस करने के बाद थोड़ा टहलना चाहिए और भारी सामान उठाने से भी बचना चाहिए, जिससे की उनको किसी भी तरह की परेशानी न हो। अगर आप भी IVF प्रक्रिया या इसके बाद होने वाली रिकवरी के बारे में जानना चाहते हैं तो आ आज ही सुमिता सोफत अस्पताल जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते है और इस प्रक्रिया के विशेषज्ञों से बात कर सकते हैं।