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दूसरे बच्चे के लिए आईवीएफ शुरू करने की सफलता दर

दूसरे बच्चे के लिए IVF: कितनी है सफलता की संभावना?

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एक छोटे परिवार में बच्चों का होना बोहत ही जरूरी होता हैं माना जाता है की बच्चों से घर  मैं रौनक और ख़ुशी बरक़रार रहती है ऐसे मैं परिवार वाले परिवार को बढ़ाने की सोचते हैं  बच्चे को जन्म देना एक बढ़िया और महतवपूर्ण  फैसला होता है जब हम एक नए बच्चे को जन्म देते हैं तो इसकी ख़ुशी सबसे अलग ही होती है नए बच्चे  की खुशी मैं घर में ख़ुशी और जश्न का माहौल होता है और ऐसे मैं दूसरे बच्चे को जन्म देने के बारे में सोचना अपने आप मैं ही एक महत्वपूर्ण फैसला होता है ,पति-पत्नी जब पहली बार अपना बच्चा पैदा करने की सोचते हैं और वह इन विट्रो फर्टिलाइजेशन प्रकिर्या से पहली बार गर्व धारण करवाते हैं बिलकुल इसी की तरह वह अपने दूसरे बच्चे को जन्म देने की उम्मीद के बारे मैं सोचते हैं तो उनके भीतर एक ख़ुशी की लहर पैदा हो जाती है

दूसरा बच्चा करने की सम्भावना कई तरह के कारको पर निर्भर करती है महिलाओं  को अपने पहले इन विट्रो फर्टिलाइजेशन उपचार के बाद ही दूसरे बच्चे का गर्व धारण  करने का मौका मिलता है इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) के इलाज से बोहत सी महिलाओं को दूसरा बच्चा होने की सफलतापूर्वक सम्भावना होती है IVF महिलाओं के लिए किसी वदरदान से कम नहीं होता है |

दूसरे बच्चे को जन्म देने का प्रयास करने वाले पति-पत्नी लिए आई.वी.एफ. की सफलता दर इन विट्रो फर्टिलाइजेशन

IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) पति-पत्नी के लिए किसी वरदान से काम नहीं है ये महिलाओं की सूनी गोद को भरता है  और यह  पति-पत्नी को जीने की नई राह को दिखता है उनकी बच्चा पाने की इच्छा को पूरा और भरोसा दिलाता है बच्चों को जन्म देना एक बोहत ही बढ़िया इरादा होता है पहले बचे के बाद दूसरा बच्चा करने की योजन बनाना बोहत ही महत्वपूर्ण होता है पहले IVF के बाद पति -पत्नी दूसरे IVF की योजना जरूर बनाते है दूसरे बच्चे के लिए आईवीएफ एक सफ़ल रास्ता माना जाता है हालाँकि  डोनर एग आईवीएफ की सफलता दर,आमतौर पर प्रति चक्र 50-75% तक होती है, चाहे प्राप्तकर्ता की उम्र कुछ भी हो। ऐसा इसलिए है क्योंकि अंडे युवा, स्वस्थ दाताओं से आते हैं, जिनकी उम्र आमतौर पर 21 से 34 वर्ष के बीच होती है

पीरियड्स के बाद महिलाओं को IVF कब करवाना चाहिए

आईवीएफ प्रक्रिया आमतौर पर पीरियड के दूसरे या तीसरे दिन से शुरू होती है और इसमें लगभग 4-6 सप्ताह का समय लगता है। यह प्रक्रिया महिला की प्रजनन क्षमता और डॉक्टर की सलाह पर निर्भर करती है।

किन महिलाओं को IVF की जरूरत पड़ती है

IVF की जरूरत उन महिलाओं को पड़ सकती है जिनको कम स्पर्म की समस्या है, फैलोपियन ट्यूब में रुकावट है, अंडे नहीं बन पा रहे हैं, एंडोमेट्रियोसिस है (गर्भाशय के बाहर गर्भाशय जैसा टिश्यू बनना), कोई और वजह से बच्चा पैदा नहीं हो रहा है सिर्फ व्ही महिलाएं IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) करवा सकती हैं

आईवीएफ की सफलता दर को कौन से कारक प्रभावित करते सकते हैं

महिला की उम्र और सफल आईवीएफ इलाज  की संभावना के बीच महत्वपूर्ण संबंध है। यह प्रवृत्ति संभवतः कई जैविक कारकों के कारण , जिसमेंये सब शामिल हो सकते हैं

अंडे की विशेषता में कमी: जैसे-जैसे महिला की उम्र बढ़ती है, उसके डिम्बग्रंथि भंडार में कमी आ जाती है और उसके अंडों की विशेषता में गिरावट आ जाती है इससे गर्भाधान और बैठाने की संभावना कम हो सकती है।

गुणसूत्र संबंधी असामान्यताओं का जोखिम बढ़ जाना: पुराने अंडों में आनुवंशिक भूल ,चूक होने की संभावना अधिक होती है, जिसके कारण गर्भपात हो सकता है या गुणसूत्र संबंधी समस्याओं वाले बच्चों का जन्म हो सकता है। 

गर्भाशय संबंधी परिवर्तन: गर्भाशय की परत, जहां भ्रूण प्रत्यारोपित होता है, महिला की उम्र बढ़ने के साथ पतली हो सकती है और प्रत्यारोपण के प्रति कम ग्रहण करना, हो सकता है

हार्मोनल असंतुलन: हार्मोनल उतार-चढ़ाव प्रजनन प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है, विशेष रूप से जब महिला रजोनिवृत्ति के करीब पहुंचती है।निष्कर्ष : कई लोगो क लिए दूसरे बचे के बारे मैं सोचन एक महत्वपूर्ण बात होती हैं ऐसे ही पहले बच्चे  के बाद दूसरे बच्चे  के की योजन बनाना एक महत्वपूर्ण इरादा होता है दूसरा IVF आपको इस प्रक्रिया से जुड़ी हर चीज़ के बारे में पता होना चाहिए। यह जानने के लिए कि आपके दूसरे IVF बच्चे की संभावना कितनी है, आपको डॉक्टर्स और  विशेषज्ञ से स्लाह मशवरा लेने की ज़रूरत है। वह आपको इलाज और इसक बारे मैं पूरी तरह से जानकारी देंगे वह आपको  ऐसे सुझाव देंगे जो दूसरे IVF चक्र की संभावना को बढ़ा सकते हैं। आपको डॉक्टर्स की स्लाह लेकर ही अपना दूसरा बच्चा IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) शुरू करना चाहिए |

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