कई लोगों के मन में IVF उपचार को लेकर अक्सर ही डर बना रहता है। जबकि IVF एक सफल प्रक्रिया है। और इससे लाखों लोगों को माँ बाप बनने का मौका मिल चुका है, हम इस तथ्य को झुठला नहीं सकते। और आज भी लाखों लोग इस उपचार का लाभ उठा रहे हैं। जो लोग माँ बाप बनने का सुख नहीं पा सकते, वह IVF का सहारा लेके माँ बाप बनते हैं और ये उनके लिए एक वरदान समान है। इसके चलते फिर भी कई लोग इसको नहीं करवाते वह इसको लेकर चिंतित और IVF का उपचार करवाने से भी डरते हैं। बहुत सी महिलाएं ऐसी होती है जिनके मन में ये सवाल उठता है की वह IVF के बाद उनको कैंसर जैसी कोई गंभीर बीमारी तो नहीं होगी ? IVF और कैंसर के बीच में क्या संबंध है ? तो इसके बारे में जानकारी लेते हैं कि क्या ऐसा होगा या फिर नहीं ?
IVF ट्रीटमेंट के कारण क्या कैंसर हो सकता है ?
हालाँकि हम बात करें IVF उपचार और कैंसर के बीच में संबंध की, तो ये कोई नई बात नहीं है कि IVF उपचार को कैंसर से जोड़कर देखा जा रहा है। IVF के दौरान और इसके उपचार के बाद महिलाओं को कई तरह की जटिलताओं का सामना करना पड़ता है। जैसे कि, IVF उपचार में कई गर्भधारण की संभावना प्राकृतिक तरीके से कंसीव करने वाली महिलाओं की तुलना में बहुत ज्यादा होता है। इसी प्रकार इसमें समय से पहले प्रसव का रिस्क होता है और अस्थानिक गर्भावस्था और भावनात्मक-शारीरिक तनाव का बढ़ना जैसी जटिलताएँ IVF से जुडी होती हैं। इसी वजह से IVF को कई तरिके की परेशानियों से जोड़ा जाता है।
ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल उठना भी लाजमी है, कि कैंसर और IVF प्रक्रिया के बीच में क्या संबंध है। इसके संबंध में नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक रिपोर्ट में ये स्पष्ट किया है कि IVF के दौरान इस्तेमाल होने वाली फर्टिलिटी ड्रग्स का कैंसर के साथ कोई भी गहरा संबंध नहीं है। हालाँकि कुछ महिलयें जो IVF का इलाज करवा चुकी हैं, उन महिलाओं में IVF के इलाज के बाद, पहले साल में ही उनमें ब्रेस्ट और यूटरीन कैंसर का ख़तरा बढ़ता हुआ देखा गया है। लेकिन ये सबंध इतना ज्यादा गहरा नहीं है, कि यह स्पष्ट कर सके की IVF उपचार के कारण महिला को कैंसर जैसी घातक बीमारी हो सकती है। हालाँकि ये ध्यान रहे की महिला को ब्रेस्ट कैंसर या गर्भाशय के कैंसर होने के पीछे कई तरह के कारण हो सकते हैं, इसमें सिर्फ IVF उपचार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
IVF उपचार कैंसर का रिस्क कब बढ़ता है ?

यह स्पष्ट है कि महिला को IVF उपचार की वजह से कैंसर का ख़तरा नहीं होता है। लेकिन कुछ हद तक कई मामलों में ये देखा गया है, कि IVF उपचार के बाद महिला में ब्रेस्ट कैंसर का जोख़िम बढ़ता है। लेकिन इसको इस तरह के काले और सफेद नजरिए से देखा जाना सही नहीं है। IVF उपचार के बाद उन महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम बढ़ता है, जिनके परिवारिक इसिहास में छाती का कैंसर होता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक लेख से ही इस बात की पुष्टि होती है। इसलिए जो भी महिलाएं IVF उपचार को करवा रही हैं, या फिर करवाना चाहती हैं, उनको अपनी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पता होना चाहिए। और अपने डॉक्टर को भी इसके बारे में बताना चाहिए।
IVF उपचार के बाद कैंसर के जोखिम को कैसे कम करें
महिला के डॉक्टरी इतिहास से ये पता चलता है, कि IVF उपचार के बाद कैंसर का खतरा बढ़ेगा या नहीं। अगर आपको इसके बावजूद, कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के ख़तरे को कम करना है तो आप इसके संबंध में कुछ सुझाव को अपना सकते हैं, जैसे कि,
1. आप अपनी सेहतमंद जीवनशैली को बनाकर रखें। IVF के उपचार के बाद या फिर इससे पहले ये हर महिला के लिए जरूरी होता है कि वह ग़लत आदतों से दूरी बना कर रखे। ग़लत तरीके के नशों से दूरी बना कर रखे। और साथ ही में वे अपने सोने का समय (पैटर्न) और खाने के समय को ठीक करना बहुत ज़्यादा महत्वपुरण होता है।

2. ज़्यादा तनाव न लें। तनाव किसी भी बड़ी बीमारी का कारण बन सकता है। ये किसी भी बीमारी के कारण को ट्रिगर कर सकता है। जिसकी वज़ह से बीमारी का खतरा और भी ज्यादा बढ़ता है। जो महिलाएं IVF उपचार करवा रही हैं, या फिर इस प्रकिरिया से गुजर रही हैं अगर उनकेडॉक्टरी इतिहास में कैंसर आया है तो उनको अपने तनाव का प्रबंधन करना आना चाहिए।
3. रोज़ अपनी डाक्टरी जाँच करवाएं। ये बात सभी महिलाओं के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है जो IVF प्रकिरिया करवा रहीं हैं और जो नेचुरल तरीके से कंसीव करती हैं। इन महिलाओं को नियमित रूप से अपने कैंसर की जाँच करवानी चाहिए। इससे आपकी बीमारी का पहले से ही पता चल जाता है और समय पर इलाज किया जा सकता है
4. इसके साथ सभी महिलाएं जो IVF उपचार को करवा रही हैं या फिर करवाना चाहती हैं, उसको IVF उपचार और कैंसर के बीच में संबंध के बारे में जानकारी होना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। इसके बारे में अपने डॉक्टर से जानकारी लें, वह आपको जरूरी सावधानी बरतने के लिए सलाह देंगे।
निष्कर्ष
IVF एक सफल इलाज है, जिसको दुनिया में लाखों लोग करवा रहे हैं। IVF उपचार अभी तक सफल रहा है। हालांकि IVF को कैंसर के साथ जोड़ना कोई नई बात नहीं है। क्योंकि नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन ने ये स्पष्ट किया है कि IVF का कैंसर के साथ कोई संबंध नहीं है। IVF उपचार के बाद कैंसर की समस्या उन महिलाओं को होती है जिसका परिवारिक इतिहास कैंसर से जुड़ा हो। इसलिए IVF करवा रही सभी महिलाओं को अपनी डॉक्टरी जांच करवानी चाहिए और अपने डॉक्टर को इसके बारे में सूचित करना चाहिए। आपको भी IVF के बारे में गहराई से जानकारी लेनी है, और आप भी IVF करवाना चाहते हैं तो आप आज ही सुमिता सोफत अस्पताल जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके विशेषज्ञों से इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।