माँ बनने की ख़ुशी बहुत ही सुखदाई होती है, एक औरत के लिए माँ बनना किसी वरदान से कम नहीं होता है। और अगर हम बात करें जुड़वाँ बच्चों की तो एक नॉर्मल और जुड़वाँ गर्भावस्था में कुछ ख़ास अंतर नहीं होता है, लेकिन जुड़वां बच्चों की गर्भावस्था में कुछ अलग से लक्षण दिखाई पड़ते हैं जैसे की वजन और थकान का ज्यादा बढ़ना, ऐसा भी होता है की नॉर्मल लक्षण रहते हुए भी जुड़वा गर्भावस्था में रिस्क थोड़ा सा बढ़ जाता है।
जुड़वाँ प्रेगनेंसी के लक्षण

माँ बनना हर औरत का सपना होता है। और गर्भावस्था सभी औरतों के लिए एक सबसे ख़ुशी वाला वक़्त होता है। कई बार एक महिला गर्भावस्था में होती है लेकिन वह बिल्कुल भी यह जान नहीं पाती है की वह भी जुड़वां बच्चों की माँ बन सकती है, या फिर बनने वाली है। ऐसी महिलाएं कभी कभार अपनी गर्भावस्था में एक ही बच्चा समझ कर उसका पालन पोसन करती है, उसी हिसाब से अपने खानपान पर फोकस करती हैं इसका असर उनकी डिलीवरी के दौरान पड़ सकता है। कुछ ऐसे लक्षण जिससे आप पता लगा सकतीं हैं की आप भी जुड़वां बच्चों की माँ बनने वाली है, इससे आपको बहुत आसानी हो सकती है।
1.मॉर्निंग सिकनेस
तीव्र मॉर्निंग सिकनेस कुछ लक्षणों के साथ, महिला के गर्भ में जितने ज्यादा बच्चे होंगे, महिला को उनका अनुभव उतना ही कठिन होगा और गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में महिला को मतली और जी मिचलाने की समस्या भी होती है, मॉर्निंग सिकनेस उन माताओं के लिए ज़्यादा गंभीर होती है, जिनके जुड़वाँ बच्चे हों, बजाय उन माताओं के, जिनके एकल बच्चे हैं।
2. मां का वजन
महिला के पेट में अगर जुड़वा बच्चे हैं, तो उस महिला का वजन नॉर्मल वज़न से ज्यादा होता है, ये सच यह है कि जुड़वाँ बच्चे होने पर आपका वज़न एक बच्चे की उम्मीद करने वाली माँ से कई बढ़कर हो सकता है। एक औसत नॉर्मल वजन 25 पाउंड होता है, जबकि जुड़वां बच्चे होने पर महिला का भार 30 से 35 पाउंड तक हो जाता है। आखिरकार आपके गर्भाशय के भीतर एक ही गति से 2 बच्चे बढ़ रहे हैं, और आपके गर्भाशय का आकार भी इसी वजह से बढ़ रहा है।
3. बच्चों के दिल की धड़कन
डिलवरी से पहले डॉपलर मैथैड से आप अपने बच्चों की दिल की धड़कनों को सुन सकती हैं, और गर्भावस्था के दौरान अपने बच्चों की दिल की धड़कन सुनना सबसे अहम और प्यारा अनुभव होता है। आप गर्भावस्था के 9-10 सप्ताह से दोनों बच्चों की धड़कन को अलग -अलग सुन सकती हैं, हालाँकि ये थोड़ा मुश्किल भी हो सकता है।
4.धब्बे और ब्लीडिंग
गर्भावस्था के दौरान ब्लीडिंग और धब्बों की समस्या अधिक बढ़ जाती है, जब प्रेग्नेंट महिला के पेट में जुड़वा बच्चे होतें हैं, इससे घबराने की जरूरत नहीं होती, इस अवस्था में ब्राउन या पिंक धब्बे होना एक नार्मल बात होती है। अगर खून के बहने के साथ आपको बुखार और लाल खून के धब्बे नहीं हो रहें हैं तो इससे घबराने की जरूरत नहीं होती है।
5.भूक का बढ़ना
अगर गर्भावस्था के दौरान महिला को नार्मल से ज्यादा भूख लगने लगे तो महिला गर्भशय में जुड़वां बच्चे हो सकते हैं, आपको बता दे की जुड़वा प्रेग्नेंसी में मां को बहुत ज्यादा भूख लगती है, इसके दौरान महिला का कुछ न कुछ खाने को मन करता रहता है अगर ऐसा हो तो हो सकता है आप जुड़वा बच्चों की मां बनने जा रही हैं।
जल्दी डिलीवरी की संभावना
ऐसी महिलाओं की डिलीवरी जल्दी होने की संभावना होती है जो जुड़वां बच्चों के साथ प्रेग्नेंट रहती हैं, गर्भावस्था के 36 या 37 सप्ताह के बीच में लेबर पेन हो सकता है,और ऐसी स्थिति में नॉर्मल डिलीवरी की तुलना में सेजेरियन भी हो सकता है।
कितनी उम्र में जुड़वा बच्चे होने की ज्यादा संभावना

विशेषज्ञों के अनुसार 30 से 40 साल की उम्र की महिलाओं को जुड़वा बच्चों होने की ज्यादा संभावना होती है, और ऐसा इस लिए भी होता है क्योंकि इस उम्र में आते-आते ओवुलटरी चक्र में संघनता कम होने लगती है और इसका लेवल ज्यादा होता है, और ऐसे में एक समय में दो बच्चों की सम्भावना बढ़ जाती है।
निष्कर्ष :
माँ बनना किसको पसंद नहीं होता है अगर आप भी अपनी गर्भावस्था के बारे में जानना चाहती है, तो आप सुमिता सोफत हॉस्पिटल जाकर इसके विशेषज्ञों से बात कर सकते हैं।