पहली बार में आईवीएफ IVF Successful: नयी तकनीक पंजाब सुमिता सोफत हॉस्पिटल में

भारत में आईवीएफ ट्रीटमेंट करवानी है तो जान लें इसमे कितना खर्चा होगा और इसके फायदे

पहली बार में आईवीएफ IVF Successful

आईवीएफ का उपचार क्या हैं ?

आईवीएफ का उपचार क्या हैं और ये माँ बनने की पूरी प्रक्रिया में कैसे सहायक है, इस लेखन में हम इसके बारे में आज बात करेंगे..,

  • आईवीएफ प्रक्रिया एक मेडिकल प्रक्रिया है, जिससे महिला को गर्भधारण करने में काफी मदद मिलती है। आईवीएफ नि:संतान दंपत्तियों के लिए एक वरदान की तरह है जिसकी वजह से कई निसंतान दंपत्तियों के जीवन में आज संतान सुख आया है। ऐसे कई दंपत्ति हैं जिन्होंने आईवीएफ से पहले गर्भधारण के लिए कई तरह के तरीके भी अपनाएं लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। 
  • तो वहीं आईवीएफ उपचार में, एक महिला में से अंडों को उपचार के बाद पुनः प्राप्त किया जाता है और साथ के शुक्राणुओं के साथ निषेचित किया जाता है जिसके परिणामस्वरूप भ्रूण का निर्माण होता है। फिर भ्रूण को प्रत्यारोपण और आगे के विकास के लिए गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है।

यदि आप माँ बनने के बारे में सोच रही हैं तो आपके लिए पंजाब में आईवीएफ उपचार का चुनाव बेहतरीन विकल्प हैं। 

आईवीएफ ट्रीटमेंट के बाद महिलाओं को कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए ?

इस ट्रीटमेंट के बाद महिलाओं को काफी सावधानियां बरतनी चाहिए। क्युकि सावधानियों को ध्यान में रख कर ही आप इस ट्रीटमेंट से जल्दी ठीक हो पाई गी। तो वहीं कुछ सावधानियां को हम निम्न प्रस्तुत कर रहे है ताकि आप उन पर अच्छे से ध्यान दे सके, जैसे..,

  • भारी वज़न न उठाएं। 
  • कठिन व्यायाम से जितना हो सके बचें। 
  • प्रोजेस्टेरॉन का सेवन गर्भवस्था के दौरान काफी सहायक होता हैं। 
  • डॉक्टरी सलाह का अच्छे से पालन करें।
  • अपने उपचार के लिए सही क्‍लीनिक का चुनाव करें। 

क्या आईवीएफ के पहले ट्रीटमेंट में माँ बनना संभव हैं ?

पहले ही प्रयास में आईवीएफ से माँ बनने की प्रक्रिया का हम निम्न में प्रस्तुतिकरण कर रहें हैं, जैसे-

  • आईवीएफ ट्रीटमेंट लेने वाली लगभग सभी महिलाएं यही चाहती हैं कि वो पहले आईवीएफ चक्र में ही गर्भवती हो जाएं। साथ ही कुछ महिलाओं के मन में आईवीएफ ट्रीटमेंट को लेकर कई दुविधाएं रहती हैं।
  • तो वही आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान महिला को ट्रीटमेंट के कई स्टेज से गुजरना पड़ता है, ऐसे में इलाज ले रही महिला यही चाहती है कि वो आईवीएफ ट्रीटमेंट से पहली बार में ही प्रेगनेंट हो जाए।
  • बात करें अगर आईवीएफ के सफलता दर की तो 35 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में आईवीएफ की सफलता दर लगभग 50% है। तो वहीं जैसे-जैसे उम्र में बढ़ोतरी होती जाती है,वैसे-वैसे सफलता की संभावना कम होती जाती है। 
  • इसलिए, जोड़ों के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि आईवीएफ की सफलता दर विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है जैसे उम्र, महिला के गर्भाशय की स्थिति और अच्छी गुणवत्ता वाले ओसाइट्स के साथ डिम्बग्रंथि रिजर्व, पुरुष के शुक्राणुओं की गुणवत्ता, और अन्य जैविक और हार्मोनल स्थितियाँ।

यदि आप आईवीएफ ट्रीटमेंट करवाने के बारे में सोच रहे हैं। तो पंजाब में आईवीएफ सेंटर का करें चुनाव।

निष्कर्ष :

माँ बनने की ख़ुशी हर एक महिला को होती हैं पर किसी कारण वश अगर वो माँ नहीं बन पाती, तो इसके लिए उन्हें सही समय पर जागरूक होना चाहिए और इसके साथ ही उन्हे इसके लिए किसी अच्छे आईवीएफ हॉस्पिटल का चुनाव भी करना चाहिए या आप इसके लिए सोफत हॉस्पिटल से भी संपर्क कर सकते हैं। क्युकि इस हॉस्पिटल से आप असफल हो चुके आईवीएफ का भी पुनः इलाज करवा सकते हैं वो आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल से।