IVF की प्रक्रिया के बारे में सोचना और इसके इलाज की यात्रा को शुरू करना एक भावनात्मक और शारीरिक दोनों रूप से मुश्किल हो सकता है, और IVF प्रकिरिया अम्म तोर पर काफी मुश्किलों से भरी होती है, इस दौरान अक्सर सभी जोड़ों के मन में ये सवाल जरूर उठता है की इस प्रक्रिया के बाद क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, इसके दौरान ही एक सवाल यह होता है की क्या आईवीएफ प्रकिया के बाद शरीरिक सबंध बनाना सही होता है? IVF प्रक्रिया के दौरान जोड़ों को इसपर ज़्यादा ध्यान देना चाहिए की क्या करना सही है और क्या नहीं विशेषकर महिअलों को इसके बारे में पूरा ज्ञान होना चाहिए क्योकि IVF के दौरान ऐसी प्रक्रिया जिनमें से महिलाओं को गुजरना पड़ता है और उनके स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। कई तरह के इंजेक्शन लगते हैं जो कि उनके मूड स्विंग्स का कारण बनते हैं।
क्या आपको इसके बारे में पता है कि लगभग 60% जोड़े इस बात को लेकर सोच में डूबे रहते हैं कि वह IVF प्रक्रिया में एंब्रियो इंप्लांटेशन के बाद हम सेक्स कर सकते हैं या नहीं। क्या यौन संबंध बनाना सुरक्षित रहेगा।
तो इस प्रक्रिया के दौरान एंब्रियो इंप्लांटेशन के बाद शारीरिक संबंध बनाना असल में सुरक्षित नहीं होता है। ऐसा क्यों आइयें जानते हैं।
आईवीएफ के दौरान इंप्लांटेशन के बाद यौन संबंध बनाना

आम तोर पर इस विधि के दौरान भ्रूण इम्प्लांटेशन के बाद जोड़ों को शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए हालांकि अभी तक इस बात की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है की योन सबंध बनाने से महिला के भ्रूण को कोई नुकसान हो सकता है। क्योंकि ऐसा करने से विशेषज्ञ का मानना यह है की कई बार एंब्रियो इम्प्लांटेशन के बाद अगर कोई जोड़ा यौन संबंध बनता है तो महिला के गर्भाशय में संकुचन को बढ़ावा और सक्रमण जैसे हालत पैदा हो सकते हैं, एंब्रियो इम्प्लांटेशन की प्रकिया में मुश्किलें और एंब्रियो खत्म भी हो सकता है। इसलिए ये करना ठीक नहीं होता है। अगर इस प्रक्रिया के बाद कोई जोड़ा योन सबंध बनाना भी चाहता है तो पहले वो अपने डॉक्टर से इसके बारे में पूरी जानकारी लें।
यौन संबंध बनाने के नुकसान, एंब्रियो इंप्लांटेशन के बाद
गर्भाशय में संकुचन होना
IVF प्रक्रिया के तुरंत बाद अगर कोई जोड़ा शारीरिक सम्बन्ध बनता है तो ऐसा करने से गर्भाशय में संकुचन बढ़ सकती है। ऑर्गेज्म का एंब्रियो इम्प्लांटेशन प्रक्रिया पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ता है जोड़ों का योन संबंध बनाने के बाद। हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि एंब्रियो इम्प्लांटेशन का गर्भाशय संकुचन के साथ किस तरीके का संबंध विकसित होता है।
डिम्बग्रंथि मरोड़
यह एक गंभीर दर्द जैसी स्थिति का कारण भी बन सकती है, क्योंकि डिम्बग्रंथि उत्तेजना चरण के दौरान डिम्बग्रंथि मरोड़ एक जोखिम होता है। और इस तरीके की समस्या को ठीक करने के लिए आपातकालीन सर्जरी की आवश्यकता पड़ जाती है।
असुविधा और दर्द होना

अंडे की पुनः प्राप्ति और इसके साथ हार्मोन उत्तेजना की प्रकिरिया के कारण अंडकोष संवेदनशील और बड़े हो सकते हैं, जिससे की जोड़ों का योन सबंध बनाने में काफी तकलीफ का सामना करना पढ़ सकता है।
संक्रमण का खतरा बढ़ना
IVF प्रक्रिया के दौरान जोड़ों का योन सबंध बनाने से संक्रमण बहुत जायद बढ़ जाता है, जैसे की IVF करवाने वाले सभी जोड़ों को पता होता है की IVF जटिल और खर्चीली होती है, ऐसे में जोड़ों को ये ध्यान रखना चाहिए कि इस प्रकिरिया में ऐसा कोई भी रिस्क न लें जिससे कि प्रक्रिया की सफलतादर कम हो जाये और सक्रमण का खतरा भी बढ़ जाये।
असहजता का होना
IVF प्रक्रिया दौरान एंब्रियो इम्प्लांटेशन के बाद महिअलों को शारीरिक सबंध नहीं बनाने चाहिए क्योंकि ऐसा करने से महिला को न केवल मुश्किल आएगी असहजा और असुविधा का सामना भी करना पढ़ सकता है। इसके साथ ही एंब्रियो इम्प्लांटेशन के बाद महिलाओं को पेल्विक एरिया में बेआरामी सी बनी रहती है और हार्मोनल का उतार चढ़ाव भी बना रहता है। डॉक्टर भी IVF करवाने वाली महिलाओं को एंब्रियो इंप्लांटेशन के बाद किसी भी तरीके का यौन संबंध बनाने से मना करते हैं।
निष्कर्ष:
IVF प्रक्रिया दौरान एंब्रियो इंप्लांटेशन के बाद महिलाओं का योन संबंध बनाना असुरक्षित होता है, ऐसा करने से IVF प्रक्रिया की सफ़ल होने की उम्मीद कम हो जाती है, अगर फिर भी कोई जोड़ा योन सबंध बनाना चाहता है तो उसको पहले अपने डॉक्टर से सलाह मशवरा करना चाहिए। अगर आप भी इसके बारे में पूरी जानकारी लेना चाहते हैं तो आज ही आप सुमिता सोफत अस्पताल जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते है और IVF के बाद क्या करना और क्या नहीं इसके विशेषज्ञों से पूरी जानकारी प्राप्त कर प्रक्रियासकते हैं।